Saturday, October 5, 2019

ashtami

प्रणाम। वणक्कम !

अष्टमी।
अष्टमी के दिन
कार्य करने पर असफलता गए लगाती है.
न जाने अष्टमी तिथि में
भगवान कृष्ण का जन्म हुआ।
कृष्ण बने
लोक्रंचक और
लोकरक्षक !
देखा कितने लोग अष्टमी व्रत रख
अपनी मनोकामनाएँ पूरी कर लेते हैं.
आपको मालूम है जिनको
मालूम नहीं उन के लिए
अपनी मनो कामनाएँ पूरी होती हैं ,
भाव बाधाएँ मिट जाती हैं।
अहोई अष्टमी ,
दुर्गाष्टमी ,
शीतला अष्टमी
जन्माष्टमी।
हम भी सनातन परिपाटी अपनाएंगे
देवियों की कृपा पात्र बनेंगे।
******************************
Anandakrishnan Sethuraman
Anandakrishnan Sethuraman प्रणाम।
विषय मुक्त /विधा मुक्त रचनाएँ
आज सरस्वती पूजा शामको और कल।
विद्या की देवी ,वीणावादिनी !
विश्व की प्रगति तेरे अनुग्रह से।
प्रकृति की विजय !
रोग की मुक्ति !
अंतरिक्ष की यात्रा।
आसमान का उड़ान !
आवागमन की तेज़ी।
वातानुकूल सुविधा ,
चाहते तो गरम हवा !
चाहते तो ठण्ड हवा।
आयु की वृद्धि।
हे सरस्वती देवी !तेरी कृपा!
विनम्र प्रार्थना !ज्ञान दो
जगत कल्याण का.
सद्बुद्धि दो ,
जगत में भ्रष्टाचार न हो !
हत्या,आत्महत्या ,काम ,क्रोध ,लोभ
घृणा आदि दुर्भाव न हो।
दान -धर्म ,परोपकार ,सहानुभूति आदि
सद्भावों भरकर मनुष्यता निभाने की
सद्बुद्धि दो !
माँ सरस्वती !आतंकवाद न रहें !
शासकों के दिल से स्वार्थता दूर करो.
दोस्ती बढ़ाने दुश्मनी दूर करने
आत्मसंयम जितेंद्र बनने की दृढ़ ज्ञान दो.
स्वरचित ,स्वचिंतक
यस। अनंतकृष्णन ,तमिलनाडु।
वणक्कम

No comments:

Post a Comment