Tuesday, October 1, 2019

काशीयात्रा

पवित्र शहर काशी.
स्वच्छ काशी है नहीं.
मुझे तो वह नगरी
व्यापार प्रधान,
निकम्मों
दूसरों को पैसे को
लूटकर भीख के बल के
निठल्लों काअड्डा ही लगा.
मंदिरों मैं चैन नहीं .
नदी नें चैन से नहाने नहीं देते.
सडक पर गंदगी गोबर
तंग गलियाँ
फिर भी आध्यात्मिक असर.
जादू भरी दिव्य नगर.
सरकार को सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
भक्त भय रहित दूकानदारों केठग रहित
चलने का प्रबंध आवश्यक है.
गया से काशी .विष्णु पाद ..
मंगल गौरी जरा विस्तार बनाना आवश्यक है.
ऊँ नमः शिवाय.

काशी में दूसरा दिन।
विश्वनाथ मन्दिर दर्शन।
प्रधान रास्ता से गेट 1
द्वारा हर दूकान दार का व्यापार के लिए रोकना
आगे जाना कहीं भक्तों को आराम के लिए रुकने की जगह नहीं ।कदम कदम पर दूकान ।
दूकानदार थके
लोगोंं को खडे
रहने नहीं देता।
व्यस्त नगर।
तंग गलियाँ।
आटो शेर आटो
पर पैदल चलना
जरूरी है।
24-9-19 के दर्शन
काशी विश्वनाथ मन्दिर।
अन्नपूर्णा मन्दिर।


प्रयागराज का अनुभव ।
गये बेनी माधव मन्दिर।
मह्सूस हुआ
करोडों मोदी आये
स्वच्छ भारत असाध्य।
सडक तक पानी
श्रद्धालुओं को
खडे रहने को भी
स्थान नहीं।
पर फुटपाथ बिक्रेता
फोटो खींचेवाल्रे
पानी सम दूध पानी में अंजलि भर देने
कितनी बिखारियाँ
कितने साधू फकीर।
कूडे कचरौं का संगम या
त्रिवेणी संगम पता नहीं।
गंदे पानी में डुबकियाँ
पर कितना ब्रह्मानंद
वर्णनातीत सागर सम ।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्णन

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