Search This Blog

Tuesday, October 8, 2019

दशानन का अहं अब राम बन संहार करना है.

दशानन का अहं अब राम बन संहार करना है.
अहं कैसे राम बनेगा ?
रावण का अहं राम बनेगा तो राम राज्य नहीं
रावण का ही राज्य होगा
जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहिं।
प्रेम गली अति सॉंकरी, तामें दो न समाहिं।।।
मिसरा गिनना अहं ब्रह्मास्मि समान
विचार अभिव्यक्ति आसान।
आज धनाहं राम का संहार कर रहा है.
रावण का अहम् अब राम बननेपर भी
रूपये का अहम् रावण ही बनेगा बेशक।स्वरचित स्वचिंतक एस। अनंतकृष्णन

No comments:

Post a Comment