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Thursday, April 13, 2023

अनंत जगदीश्वर,

 नमस्ते. वणक्कम्.

  अनंत गगन,

  अनंतसागर.

  अनंत जगदीश्वर,

   अनंत के अनुग्रह के लिए,

 अनंत जी के विचार तरंगों को

 अस्थिर लक्ष्यों को

स्थिर बनाना है.

 सद्य:फल के लिए कुमार्ग,  कुविचार ,कुरीति 

 अपनाना अनंतेश्वर के अनुग्रह 

 अप्राप्त करने का अल्प पथ ही है.


ये विचार ईश्वरीय कृपा है.

   ईश्वरदास --अनंतकृष्णन .

स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक.

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