Monday, November 6, 2023

दो

 दो +दो =चार। आँखें 

 परिणाम -प्रेम।

 प्रेम न तो न संसार।।

एक संत दो आँखें,

अनुयायी हजार।

 दो आँखें बारह हाथ।

 एक अधिकारी 

छे निर्दयी  खूनी

 डाकुओं को सुधारता है ।।

एक मनु, एक श्रद्धा

 जल मग्न उत्तुंग शिखर पर।।

 संसार बना,

एक आदाम 

एक एवाळ संसार बना।

 दो आँखों में इतनी शक्ति।

 भगवान की कृपा दृष्टि

 अग जग का विकास।

 एक शैतान की कुदृष्टि

 माया मोह में मानव।।

 आँखें लाल होना 

 एक रण का शुरुआत।।

प्रेम दृष्टि,  सेवा दृष्टि,

 कृपा कटाक्ष।

 चार मिलें,

 चारों दिशाओं की ताज़ी

  खबरें।

   सोचता विचार करता जानें पर

   धर्म अर्थ काम मोक्ष। चार।

   वेद हैं चार  ऋक,साम,यजुर,अधर्वनवेद।

  दो के कारण अनंत परिणाम।।


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

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