Tuesday, March 11, 2025

कर्मफल

 नमस्ते वणक्कम् साहित्य बोध हरियाणा इकाई को

एस.अनंतकृष्णन का।

विषय --कर्मफल।

 विधा --अपनी हिंदी अपने विचार अपनी स्वतंत्र शैली 

11-3-25.


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रावण वध,

महाबली का पाताल भेजना

 भगवान विष्णु का वामनावतार।

 बकासुर का वध,

 दशरथ का पुत्र शोक।

 अंतिम क्रिया में 

 पुत्रों की अनुपस्थिति।

 प्रहलाद का नारायण नाम जप।

 हिरण्यय कश्यप  का अहंकार 

 नरसिंह अवतार।

  अहिल्या का पत्थर बनना

  इंद्र देवेंद्र के शरीर में योनीशाप।

दुष्यंत की अंगूठी नदारद।

 शकुन्तला का विरहताप।

  भारतीय पुराणों में 

  कर्म फल का शुभ परिणाम 

 अशुभ परिणाम 

 के प्रमाण अद्भुत।

   संचित काम्य कर्म फल

 मानव जीवन में सुख दुख।


कृष्ण कृष्ण की मृत्यु भी कर्म फल।

 दधिची मानव न तो देवगण दुखी।

सबहीं नचावत राम गोसाईं।


 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना

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