Saturday, March 1, 2025

नारी शक्ति

 महिला की शक्ति 

 स्वर्ण मूर्ति सीता को

 साथ रखकर यज्ञ से।

 शिव की अर्द्धांगिनी को

 शरीर के अर्द्ध भाग देना।

अष्टलक्ष्मी की पूजा।

 त्रिदेवियों का महत्व।

 दुर्गा पूजा,

 नवरात्रि 

 वरलक्ष्मी पूजा।

 सनातन धर्म में 

 नारी शक्ति,

नारी महत्व 

 असीमित अधिकार।

 नारियों के नाम 

 कितने मेले कितने महत्व।

 नारी न तो घर धूलधूसरित।

 घर भर अंधकार।

 घर पतझड़,  

नारी न तो

 वसंत नहीं।

 नारी न तो न बच्चों की  किलकारियाँ।

न तुतली बोली की मधुर ध्वनी।

 न घर में कोलाहल।

 न लौकिक आनंद।

 न अलौकिक 

 आध्यात्मिक शांति। संतोष।

 परमानंद ब्रह्मानंद।

 रविशंकर हो या झक्किवासुदेव।

 न नित्यानंद,

 केवल भूलोक में ही नहीं,

 इंद्रलोक में अपसराएँ।

 न शकुंतला का जन्म।

न भरत का जन्म।

 न नंगे अघोरियों का जन्म।

 नारी भगवान की अद्भुत सृष्टि।

 जगत लीला   

ताजमहल नारी की शक्ति ।

 आज भी किलियोपाट्रा मोनालिसा।

 विश्व भर में नारी लीला 

अपूर्व अद्भुत।


 एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

 

 


 


 

 

 


 

 

 


 

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