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Monday, March 31, 2025

समय की सीखें

 साहित्य बोध उत्तर खांड  इकाई को

 एस.अनंतकृष्णन का नमस्कार वणक्कम्।


विषय :--वक्त एक पाठशाला है।

 विधा --अपनी हिंदी अपने विचार अपनी स्वतंत्र शैली 

31-3-25.

शुभ अशुभ वक्त  की तुलना में,

अशुभ वक्त विधि की विडंबना में 

 नयी सीख मिलती है।

लाभ में खुश,

 नष्ट में नाखुश,

 चतुर आदमी,

 नष्ट या अशुभ वक्त में 


घाटा भरने एक उपाय सूझता है।

 गिरी जिंदगी उठने की सीख मिलती है।

अतः वह एक पाठशाला वक्त है।

हिंदी साहित्य में  गिरा वक्त 

 भक्ति काल वीरगाथाकाल के

आश्रयहीन कवियों की पाठशाला।

 निराश्रय की शांति के लिए।

उत्थान में पतन रीतिकाल।

 भोग-विलास देश को

 गुलाम बनाने  की सावधानी।

 आधुनिक काल अंग्रेज़ी  मगरमच्छ 

 भारतीय भाषाओं को निगलने की सीख।।

वक्त हमें आविष्कार की ओर ले जाता है।

 संगणिक काल आज, अंग्रेज़ी अक्षर में 

 लिप्यंतरण की सीख।

 बिजली का अभाव, ईबैक का आविष्कार।

 पानी की कमी, समुद्र के पानी को

 पीने का पानी बनाने की सीख।

 वक्त एक पाठशाला इसमें न कोई शक है।

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना

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