Sunday, May 4, 2025

भक्ति सही या ग़लत

 नमस्ते वणक्कम्।

 प्राप्ति इंडिया  की सदस्यता मान ली है।

 तदर्थ धन्यवाद आदरणीय।

 भक्ति आडंबर सहित 

 आडंबर रहित।

आडंबर रहित भक्ति में 

 वाल्मीकि, तुलसीदास, सूरदास 

 भक्त त्याग राज, आंडाल,मीरा रैदास 

 ऋषि-मुनियों की लंबी सूची हैं।

 धन ही ईश्वर दर्शन, प्रायश्चित्त, हीरे का मुकुट चढ़ाना आदि ।

 राजा हीरे मुकुट चढ़ाता है,

 मंत्री चढ़ाता है तो

आडंबर भक्ति।

  कौन सी भक्ति श्रेष्ठ है,

वह सच्चे भक्तों पर निर्भर है।

 रिश्वत देकर शीघ्र दर्शन 

 क्या सच्ची भक्ति है?

सोचिए।

आजकल व्यर्थ बाह्याडंबर 

 भक्ति का महत्व है।

बाह्य छद्मवेशी भक्ति के नाम 

 ठगते हैं 

त्याग का संदेश दान धर्म का संदेश

 आचार्य का सिंहासन मुकुट दस करोड़।

 पलंग 75लाख।

 यह बाह्याडंबर सही या ग़लत सोचिए।दीक्षा देने

 दस हज़ार से शुरु।

 पैसे हैं तो दीक्षा पात्र कुपात्र का विचार नहीं।

सोचिए, सही मार्ग अपनाइए।

एस. अनंतकृष्णन 

 शिवदास 



 


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