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Tuesday, September 25, 2018

शब्द

शब्द
स्वरचित
कुछ शब्द स्वर्गीय तो
कुछ शब्द नारकीय.
मल  माल होना
माल मल होना
एक लकीर
पाप बाप बने तो संकट.
भाप बादल बने तो वर्षा.
मन बिगडा तो मान चलाजाता.
 मद चलें तो मादा बनाता.
माता तो  माँ, मादा तो पशु विशेष.
उच्चारण  बिगड जाता तो
अर्थ  बदल जाता,
चिंता  चिता से   बुरी,
बिंदु के कारण  रोज जीना है
मर मरकर जीना पड़ता.
शब्द   का प्रयोग  सतर्क करना.
मधुर वचन मदिरालय.
 नशा प्यार का  चढाता.
कटुक वचन काट देता नाता -रिश्ता.
अश्वत्थामा का शोर,
कुंजरः का धीमा गुरु की हत्या
लकीर का बढना, शब्द का धीमा
कहानी  बदल देता.

Saturday, September 22, 2018

हौसला

हौसला लाजवाब रखते हैं,
हरिश्चंद्र की आत्म वेदना से
हौसला जवाब दे रखते हैं,
हौसला लाजवाब रखते हैं,
प्यार की अड़चनें गौरव हत्याएँ
प्रत्यक्ष  देख हौसला जवाब दे रखते .
प्रसव वेदना के वैराग्य समान,
भ्रष्टाचारियों को न वोट  देना का
संकल्प लेकर हौसला ला जवाब रखते हैं,
पाँच साल की अवधी में सब भूल
उन्हीं भ्रष्टाचारियों को फिर कुर्सी पर बिठाकर हौसला खो बैठे हैं,
फिर श्मशान  वैराग्य लेकर
हौसला लाजवाब रखते हैं.
 धोबी  का कुत्ता न घर का न घाट का
श्वान वैराग्य लेकर हौसला खो  बैठे हैं.
  हौसला लाजवाब रख क्रेडिट कार्ड
लाखों का कर्जदार बन
जिंदगी भर हौसला खो बैठे हैं

Friday, September 21, 2018

बाल गीत़़़आधुनिक बालक

बाल गीत
स्वरचित यस. अनंतकृष्णन

मैं हूँ बालक,
आधुनिक बालक
क्या कहूँ?
हर  नाते रिश्ते आते,
कहकर जाते
मेरा नन्हा मुन्ना संगीत
सीखा, वह संस्था 
सुपर सिंगर
की करती तैयारी.
दूसरा आता मेरे  मुन्ने
कराते में बोल्ट लिया,
तीसरा आता,
योगी वर्ग जाना
ताजा दिमाग एकाग्र चित्त,
सुविचार  कहते जाते.
मेरी छुट्टियाों का मजा,
खतम खतम खतम.
बीच में एक आया
अमेरिकन इंग्लिस,गणित
जो थोडा सा समय वह भी खतम्
मेरे दादा बहते रहते
बच्चे को खेलने दो.
जो समय मेंने निकाला
वह क्रिकेट कोच.
हो गया मेरा बचपन.

Tuesday, September 18, 2018

गोमाता

गो माता  जीवनाधार.
कुल   की माँ,
कुल की लक्ष्मी
कुल की शक्ति,
देवों की पुष्टि.
सब के सब देयताओं का
एकाकार गोमाता.
गो पूजा शास्त्रीय  पूजा.
गो  रक्षा  मानवीय लक्षण.
गोमाता शरणागतवत्सल.
गोमती शरणागत रक्षक.
माँ, तेरे भक्त मनोभिलाषा
पूरी कर लेता.
 गोमती नमः
 (स्वरित. अनंतकृष्ण द्वारा)

कार्यकर्ता पेट मारकर

सौ साल की एक संस्था
गांधीजी द्वारा स्थापित अब
अपने कार्यकर्ताओं का
एक महीने का वेतन काटकर
शताब्दी उत्सव मनाने 
सौ चुने हुए प्रतिनिधियों को
लेकर विमान द्वारा दिल्ली उड़ेगा।
विमान शुल्क का दान
मध्य वर्ग कार्यकर्ताओं के
वेतन काटकर।
परीक्षार्थियों से अनिवार्य दान शुल्क।
वेतन काट विमान यात्रा।
वेतन काट तोरण द्वार।
बाह्याडम्बर से ;सभा की आमदनी
आम लोगों में हिंदी प्रचार करने।
मैं अकेला न्याय की माँग कर रहा हूँ.
चुनाव जीते प्रतिनिधियों को
प्रचारकों के कठोर परिश्रम मालूम है,
पर स्वार्थ वश यात्रा शुल्क , बैठक शुल्क
लेकर मौज़ उड़ा रहे हैं,
हे ईश्वर ! ज़रा ध्यान देना।

सफलता . की और कदम.


Anandakrishnan Sethuraman एक वादा और झूठा ही सही ,
चाँद आऒ ,
खाना खिलाओ , 

बच्चा रो रहा है 
खाओ जल्दी , भूत आ एगा 
खाओगे या पुलिस बुलाऊँ। 

कार खरीदूँगा , ले जाऊँगा ,
मुन्ना! खाओ , राजा बेटा खाओ। 
सांताक्लॉस आएगा , खिलौना देगा। 
रात को आएगा ,सिरहाने के नीचे रखेगा। 
न सोओगे तो न आएगा। 
एक वादा झूठा ही सही ,

चुनाव आएगा,पिछले चुनाव का वही वादा,
फिर नए वादा की तरह ,

वादा एक और की तरह ,
नए की तरह झूठ ही सही ,
सफलता . की और कदम.

Saturday, September 15, 2018

तीन मिश्रित दवा --त्रि कटुकम

 
  तमिल भारत की प्राचीनतम भाषा है.
 इसमें शारीरिक रोग दूर करने  के सिद्ध वैद्य के ग्रन्थ हैं।
दूसरी ओर  मानसिक कमजोरी ,  अज्ञान  के रोग दूर करने
कई बातें  हैं.
उन प्राचीन ज्ञान के मार्गदर्शक  ग्रंथों में  "त्रिकटुकम"  एक हैं.
इस ग्रन्थ के कवि   हैं --नल्लातनार।
इस ग्रन्थ के महत्त्व जानने    इसका हिंदी अनुवाद सरल भाषा में कर रहा हूँ.
पाठकों से निवेदन है कि   इसकी कमियों को सूचित करें और खूब लिखने
के सुझाव दें.  अच्छा है तो प्रोत्साहन अपने दिलतल से करें।

       भारत देश के हर ग्रन्थ ईश्वर के प्रार्थना गीत से शुरू होता है.
कवि   नल्लातनार भी  विष्णु वंदना से इस ग्रन्थ का श्री गणेश किया है.
१, ईश्वर वंदना।
मूल-- कण अकल  ज्ञालं  अलंततुवुम  कामरु सीरत्तननुरूम
          पूंगुरुवं  सायंतततुवुम  -नन्निय
           मायाच्चकटम   उतैत्ततुवुम -इम्मूनृम
          पू वै पपूवणणन  अडि।
   
भावार्थ ;-- अखिल जग नापा,
              शीतल पुष्पों से भरे पुंग  गिराया,
                छल - वाहन  को लात मारा -
               इन तीनों  के कर्ता   विष्णु के
               चरण कमल की प्रार्थना से
                कर्म फल की अहित  होंगे  दूर.
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   ग्रन्थ ---१.   अरुन्दतिक  कर्पिनार   तोळुं ,तिरुंदिय
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                       अरिल  अकटरूम  केल्वियार  नटपुम -इवै  मुनरूम
                        त्रिकटुकम पॉलुम मरुंतु।
                   
                        अरुन्दति जैसे पतिव्रता  के कंधे ,
                         भद्रजनों  की मित्रता ,
                          शब्द -दोष  मिटाने वाले
                          प्रश्न करनेवालों की दोस्ती
                           ये  तीनों त्रिकटुक जैसे दवा समझ।
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३.    तन गुणं कुनरा  तकेमैयूम ,ता इल  शीर
       इन  गुणत्तार येविन  सेयतलुम ,नन गुणर्विन  
       नानमरैयाळर  वळिच्चेलवुम --इम्मूनृं
       मेल मुरैयाळर  तोलिल।
     
       अपने गुणों में अनुशासन रखना,
      श्रेष्ठ  लोगों की बात मानना -पालन करना
      वेदों के मार्ग पर चलना
      ये तीनों आचरण श्रेष्ठों का कर्म है.
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४.कल्लारक्कु  इन्ना  ओलुकलूम ,काळक्कोंडा
  इल्लालैक कोलाल  पुडैटत्तलूम ,इल्लम
 सिरियारैक कॉन्डु पुकलुम ,इम्मूनृं
अरियामै यान  वरुम  केडू।


   अशिक्षितों   की दोस्ती 
   पतिव्रता नारी को छड़ी से मारना-पीटना ,
  ज्ञान हीनों को अपने घर में रखना
 ये तीनों  अज्ञानतावश आनेवाले कष्ट हैं।
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