Friday, September 21, 2018

बाल गीत़़़आधुनिक बालक

बाल गीत
स्वरचित यस. अनंतकृष्णन

मैं हूँ बालक,
आधुनिक बालक
क्या कहूँ?
हर  नाते रिश्ते आते,
कहकर जाते
मेरा नन्हा मुन्ना संगीत
सीखा, वह संस्था 
सुपर सिंगर
की करती तैयारी.
दूसरा आता मेरे  मुन्ने
कराते में बोल्ट लिया,
तीसरा आता,
योगी वर्ग जाना
ताजा दिमाग एकाग्र चित्त,
सुविचार  कहते जाते.
मेरी छुट्टियाों का मजा,
खतम खतम खतम.
बीच में एक आया
अमेरिकन इंग्लिस,गणित
जो थोडा सा समय वह भी खतम्
मेरे दादा बहते रहते
बच्चे को खेलने दो.
जो समय मेंने निकाला
वह क्रिकेट कोच.
हो गया मेरा बचपन.

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