Wednesday, September 26, 2018

तेरी मर्जी

प्रातःकाल प्रणाम।
--___ आज मेरे मन में उठे विचार।-
******************************************

प्रार्थना है परमेश्वर से
वह है तो
पौराणिक कथाओं -सा
असुरों को वर देकर
देवों को भगाने की कथाएँ
न दोहरावे।
यह कलियुग ऐसा ही रहेगा ---
समाज की गलत धारणा बदलकर
संताप देनेवाले , कर्तव्य छोड़नेवाले ,
सत्य को छिपानेवाले
गलत न्याय देने वाले
सब की आँखे खोल देना।
पौराणिक वेद मन्त्र के लोग
समाज को एक होने न दिया।
सबको सामान शिक्षा न दी.
परिणाम अब तूने दिखा दिया
आरक्षण नीति की बुद्धि दी ,
अब विप्रों को सरकारी सहूलियतें नहीं ,
भारतीय भाषाओं का कोई महत्त्व नहीं ,
खासकर दक्षिण में देव विरोधी की
मूर्तियां चौराहे पर ही नहीं
मंदिरों के आगे ,पास या सामने खडी हैं ,
तुझ पर का भय मिट गया.
भ्रष्टाचार की कमाई से
चांदी -सोने -हीरे - से सजाओ,
लोग तो भ्रष्टाचार भूल
तेरे चरण वंदना करेंगे ,
यह अंध भक्ति द्वारा
स्वार्थियों को लूटना आसान।
जगाओ, जगाओ,
तेरे चुप रहने से तेरा बदनाम होगा।
धूल में मिलेगा तुझपर का विशवास।
स्वार्थियों को लूटना बढ़ जाएगा।
तुम ऐसे भ्रष्टाचारियों से , स्वार्थों से
जग मिटाना चाहते हो तो तेरी मर्जी।
अशाश्वत संसार को स्वार्थ रोग से मुक्ति करो.
महानों के विचार जो अनुकरणीय हैं
उन महानों की समाधियों के साथ ही
गाड़ देते उनके शिष्य।

No comments:

Post a Comment