Search This Blog

Sunday, September 2, 2018

भरतीय भोले भाले


   भारतीय इतिहास    में    भारतीय   राजा  को ईश्वर  मानकर  उसके लिए मरना
अपना आदर्श त्याग  मानते  थे.  राजा एक राजकुमारी के अपहरण के लिए
हज़ारों सिपाहियों की पत्नियों को विधवा बनाता था. बच्चे अनाथ होते थे. इसकी चिंता राजा को नहीं था.

आधुनिक  काल    में वही प्रभाव युवकों पर पड़ा है. मुझसे प्रेम करो नहीं तो तेज़ाब फ़ेंक तेरे चेहरे को कुरूप बनाऊंगा।   मेरी बीबी न बनोगी तो किसीकी बीबी बनने न दूंगा। हत्या  कर दूंगा। आज एक राक्षसी महिला ने अपनी शारीरिक इच्छा पूरी करने
अवैध सम्बन्ध रखने में अपनी बच्चियों को बाधा समझ मार डाली। और अवैध पुरुष की मदद से   बच  निकली।
यह माँ   कितनी निर्दयी होगी ,कुंती के बाद अब क्रूर महिलाओं की आँखों देखी खबरे
बहुत दुःख दे रही है. प्रेम , न प्रेम तो मारना विदेशी शासन का प्रभाव नहीं ,देवेंद्र भी अहल्या के साथ ऐसा व्यवहार किया।अहल्या को शाप देनेवाले गौतम ऋषि
देवेंद्र को शाप नहीं दे सका.

No comments:

Post a Comment