प्रातः कालीन प्राणाम।
आज के उदित विचार
स्वरचित से। अनंतकृष्णन द्वारा
**********************
धन जोड़ ,धन जोड़ ,
मान छोड़ ,मन छोड़ ,
धन जोड़ , धन जोड़
न डर ईश्वर से ,
प्रधान मान धन ही जीवन।
दुर्बलों को सता ,
बेगार को सता ,
आनंद सदा पाओ ,
जोड़ते अधिक , पर
समाज का शाप भी ,
ईश्वर का कोप भी ,
अपने पाप जुड़ जाता।
बढ़ती उम्र रोक नहीं सकते।
जोड़े धन ,पर शिथिलता तन
बुढ़ापा ,सफेद बाल
वापस न दे सकता।
धन जोड़ धन जोड़
मान छोड़ ,मन छोड़ ,
मनमाना करके
धन जोड़ धन जोड़।
लौकिक सुखों को खूब भोग।
यम धर्म राज ,
ईश्वर का क़ानून
लेगा तेरी जान।
सोच समझ पुण्य काम कर.
धन जोड़ ,पर
तन छोड़ते समय
न विज्ञान ,न चिकित्सक
कोई भी साथ न देगा।
सोच -समझ आगे बढ़.
पुण्य जोड़ ,पुण्य जोड़ ,
भूलोक में स्वर्ग भोग।
धन जोड़ने से न होता संतान
धन से न होता आत्म शान्ति
धन से न मिलता कला की पटुता।
रोया कृष्ण भी राम भी रोया ,
मार नबी को पत्थर का
ईसा को शूली का कष्ट ,
सत्यवान हरिश्चंद्र दुखी
पर उन्हीं के नाम लेकर
सदाचार शान्ति का प्रचार।
दान -धर्म मानवता अनुशासन
सुशासन का प्रोत्साहन -प्रेरणा।
सोच समझकर इंसानियत का पालन कर.
आज के उदित विचार
स्वरचित से। अनंतकृष्णन द्वारा
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धन जोड़ ,धन जोड़ ,
मान छोड़ ,मन छोड़ ,
धन जोड़ , धन जोड़
न डर ईश्वर से ,
प्रधान मान धन ही जीवन।
दुर्बलों को सता ,
बेगार को सता ,
आनंद सदा पाओ ,
जोड़ते अधिक , पर
समाज का शाप भी ,
ईश्वर का कोप भी ,
अपने पाप जुड़ जाता।
बढ़ती उम्र रोक नहीं सकते।
जोड़े धन ,पर शिथिलता तन
बुढ़ापा ,सफेद बाल
वापस न दे सकता।
धन जोड़ धन जोड़
मान छोड़ ,मन छोड़ ,
मनमाना करके
धन जोड़ धन जोड़।
लौकिक सुखों को खूब भोग।
यम धर्म राज ,
ईश्वर का क़ानून
लेगा तेरी जान।
सोच समझ पुण्य काम कर.
धन जोड़ ,पर
तन छोड़ते समय
न विज्ञान ,न चिकित्सक
कोई भी साथ न देगा।
सोच -समझ आगे बढ़.
पुण्य जोड़ ,पुण्य जोड़ ,
भूलोक में स्वर्ग भोग।
धन जोड़ने से न होता संतान
धन से न होता आत्म शान्ति
धन से न मिलता कला की पटुता।
रोया कृष्ण भी राम भी रोया ,
मार नबी को पत्थर का
ईसा को शूली का कष्ट ,
सत्यवान हरिश्चंद्र दुखी
पर उन्हीं के नाम लेकर
सदाचार शान्ति का प्रचार।
दान -धर्म मानवता अनुशासन
सुशासन का प्रोत्साहन -प्रेरणा।
सोच समझकर इंसानियत का पालन कर.
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