Monday, November 23, 2020

अधजल गारी छलकत जाय। நிறைகுடம் ததும்பாது

 अधजल गारी छलकत जाय।

நிறைகுடம் ததும்பாது

குறைகுடம் கூத்தாடும்.

  राजा अति सुन्दर,

सुशासक  हो तो गुणसुंदर।।

तुगलक दरबार अति व्यंग्य दरबार।।

राम राज्य अतिप्रिय।।

पूर्ण गुणवाले ईश्वर ।

सिवा उनके  मनुष्यावतार 

राम -कृष्ण भी अधजल गगरी।।

मानना पड़ा,

मानना पड़ता है,

मानना पड़ेगा।

सर्वेश्वर पूर्णकुंभ,

भरा घड़ा।।

मनुष्य अपूर्ण घड़ा।

अतः मानव जन्म अधजल गगरी 

छलकत जाय।।

सबहिं नचावत राम गोसाईं।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।


हिंदी भी मैं, तमिल भी मैं।।

ஹிந்தியும் 

தமிழும் நானே..

அரசன் அதி அழகு.

நல்லாட்சியர் குணம் 

அதி அழகு.

துக்ளக் அவை கேலிக் கூத்து.

ராம் ராஜ்ஜியம்

  அதிகப் பிரியம்.

பூர்ண குணமுள்ளவர் பகவானே.

இறைவனைத் தவிர

மற்றவர்கள் குறை குடம்.

அவரைத் தவிர மற்றவர்கள் குறை குடம்.

ஏற்க நேர்ந்தது.

ஏற்க நேர்கிறது.

ஏற்க நேரிடும்.

பகவான் பூர்ண கும்பம்.

இறைவன் நிறைகுடம்.

மனிதர்கள் குறை குடம்.

ஆகையால் 

மனிதப்பிறவி

"குறை குடம்.

குறை குடம் கூத்தாடும்.

நிறை குடம் ததும்பாது."

அனைவரையும் ஆட்டுவிக்கும் ஆண்டவன்.

 சுய சிந்தனையாளர் சுய படைப்பு அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி ஆசிரியர்.

अधजल गगरी छलकत जाय

  अधजल  गगरी छलकत जाय।

நிறைகுடம் ததும்பாது

குறைகுடம் கூத்தாடும்.

  राजा अति सुन्दर,

सुशासक  हो तो गुणसुंदर।।

तुगलक दरबार अति व्यंग्य दरबार।।

राम राज्य अतिप्रिय।।

पूर्ण गुणवाले ईश्वर ।

सिवा उनके  मनुष्यावतार 

राम -कृष्ण भी अधजल गगरी।।

मानना पड़ा,

मानना पड़ता है,

मानना पड़ेगा।

सर्वेश्वर पूर्णकुंभ,

भरा घड़ा।।

मनुष्य अपूर्ण घड़ा।

अतः मानव जन्म अधजल गगरी 

छलकत जाय।।

सबहिं नचावत राम गोसाईं।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।

Friday, November 20, 2020

"अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई"

 "अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई"

कहना आसान,

भलाई करनेवाले,

सत्य बोलने वाले,

बेचारा भला आदमी।

लेखक लिखता रहे,

सैकड़ों  पृष्ठ दिन रात

प्रकाशक  को लिखा करें।।

पैसे न मांगें तो लेखक भला।

अपने सुविचार प्रकट कर

अनुशासन  समाज को 

सतपथ दिखाता  रहे।

प्रेमचंद ,महावीर प्रसाद,

गीतावाचक,गीता पाठक,

उपदेशक, सब के सब,

अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।

 हिंदी   कवि अपने आप लिखना,

पंजीकरण शुल्क,

अपनी कविता के 

प्रकाशन केलिए शुल्क,

मंच पर कविता सुनाने शुल्क,

प्रेम भरा,अश्लील व्यवहार की कविताएं  तालियां पाती।।

अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।

धन दौलत भ्रष्टाचार सौ गुना लाभ,

बुराई जीवन की बुरी कमाई।।

कमाई अच्छाई  दरिद्रता का  हो

 कमाई  बुराई भ्रष्टाचारी का हो।

सबको अंत में एक ही  जगह,

भलाई एक कोने में,

भगवान  भी बिना सोचे विचारे

असुरों को वर देकर देवों को जेल में रख,

मोहिनी अवतार में , 

महिषासुर वर्द्धिनी

 असुरों को मारने के पुराण।

भगवान के वर्णन ही ऐसा हो तो

लोभी लालची स्वार्थी  मानव कैसे?

अन्याय के साथ रहें तो   

विस्मय की बात क्या?

भगवान भी देता

 भ्रष्टाचारियों के साथ।।

वर देकर अच्छे या बुरे

दुख सुख देखना, 

ईश्वर की लीला नहीं,

ईश्वर के दंड विधान  हीअलग।

कोई भी सुखी नहीं,

कोई भी दुखी नहीं।।

स्वर्ग नरक ,यही जान।।

अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।

लैखकों का सद्विचार तो

संसार  की बड़ी कमाई।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।

मन चंगा है तो कठौती में गंगा

 இனிய காலை வணக்கம் நண்பர்களே!

मधुर प्रात:कालीन प्रणाम।

Good morning friends।

 ईश्वरीय लीला अद्भुत।

 इंसान को  संतुलन में  रखने

बुद्धि दी, सुखी से जीने,

आनंद से जीने ,

पशु पक्षियों मनुष्य को

भूख-प्यास, काम,नींद,

बराबर बांटे गए।

केवल मनुष्य को जितेंद्रिय बनाया ।

सनातन ,धर्म के प्रधान भगवान को

दो पत्नियां दी, पर ब्रह्मा -सरस्वती   एक

ज्ञान एक, चिंतन अनेक। 

शक्ति , ज्ञान, क्षमताओं में

बराबरी नहीं,

पागलों,पंडितों,

नायक, खलनायक,

क्रोधी, कामुक,लोभी, 

न्यायी,अन्यायी,

दयालू-निर्दयी, 

पापात्मा, पुण्यात्मा,

बल दुर्बल गुण अवगुण,

मान अपमान

  जगमंच को

एक अभिनय मंच बनाकर

अपने को सर्व श्रेष्ठ  सिद्ध की.

जो शक्ति नचा रही है,

उस शक्ति को प्रणाम।


 राम राम

गति रोधक कितना भी बड़ा हो,

             गति धीमी करने से

          झटका   नहीं   लगता ।


                   उसी तरह


    मुसीबत कितनी भी बड़ी हो

          शांति से विचार करने पर

   जीवन  में  झटके  नही  लगते ।

[10:11 AM, 11/20/2020] sanantha 50: स्वस्थजीवन कैसे?

मन चंगा तो कठौती में गंगा।

निश्चल /निश्छल 

मन है तो

स्वज्स्थ जीवन।।

काम,क्रोध,मद,लोभ न तो 

सर्वार्थ जीवन।।

संयम है तो स्वस्थ जीवन।

जितेन्द्रियता स्वस्थ जीवन।।

दान धर्म जनकल्याण स्वस्थ जीवन।

सुशासक का जीवन स्वस्थ जीवन।।

आदर्श जीवन में  यथार्थ जीवन 

स्वस्थ जीवन।। 

भ्रष्टाचारी अत्याचारी रिश्र्वत खोरी

ठेकेदार कच्ची सड़क

 चुनाव में मतदाता का घूस।

इन सब का जीवन अस्त-व्यस्त जीवन जान।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै

[11:04 AM, 11/20/2020] +91 70154 90935: 🌹🙏 आज की काव्य-पंक्ति?

[11:06 AM, 11/20/2020] sanantha 50: ஹிந்தியும் நானே தமிழும் நானே.

हिंदी भी मैं और  तमिल भी मैं।।

தலைப்பு:---


स्वस्थजीवन कैसे? 

ஆரோக்கிய வாழ்க்கை எப்படி?

மனம் பரிசுத்தம் ஆனால்

அனைத்தும் பவித்திரம்.

சஞ்சலமற்ற /வஞ்சனை மற்ற

மனம் இருந்தால்

 ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

காம குரோதம்,ஆணவம், பேராசை

இல்லை என்றால்

 ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

புலன் அடக்கம் இருந்தால் 

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

ஐம்புலன்களை வென்றால் 

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

தானம் தர்மம் மக்கள் நலம்

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

நல்ல ஆட்சி யாளர் வாழ்க்கை

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

ஊழல்செய்பவன்,கொடுங்கோலன்,

லஞ்சம் வாங்குபவன் வாழ்க்கை

ஆரோக்கியமற்ற வாழ்க்கை.

இவர்கள் வாழ்க்கை 

சிதறிய வாழ்க்கை என்பதை 

அறிந்து கொள்வோம்.

சுயசிந்தனை பாளர் சுய படைப்பு

அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி ஆசிரியர்.


 


मन चंगा तो कठौती में गंगा।

निश्चल /निश्छल 

मन है तो

स्वस्थ जीवन।।

काम,क्रोध,मद,लोभ न तो 

स्वस्थ  जीवन।।

संयम है तो स्वस्थ जीवन।

जितेन्द्रियता स्वस्थ जीवन।।

दान धर्म जनकल्याण स्वस्थ जीवन।

सुशासक का जीवन स्वस्थ जीवन।।

आदर्श जीवन में  यथार्थ जीवन 

स्वस्थ जीवन।। 

भ्रष्टाचारी अत्याचारी रिश्र्वत खोरी

ठेकेदार कच्ची सड़क

 चुनाव में मतदाता का घूस।

इन सब का जीवन अस्त-व्यस्त जीवन जान।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै

राजनीति के साथ रहें सुनीति

 राजनीति के साथ रहें सुनीति।

राजनीति के साथ सुनीति न हो तो

देशोन्नति कैसी?

असुरों का शासन,

विदेशी आक्रमण,

विदेशी शासन

गुलामी जीवन,

भारतीय अवतार पुरुष ,

युग पुरुष जाग उठे।।

क्रांतियां जाग उठी।

सुप्त जनता जाग उठी।

  जगाने लगे।।

ऐसी राजनैतिक क्रांति यां

नरम दल गर्म दल 

राजनीति  के साथ सुनीति रही।।

आजादी के बाद सत्तर साल के

स्वदेशी शासन में   यह नारा

"राजनीति के साथ सुनीति रहें"!

बिहार के चुनाव में नोटो ज़्यादा।।

भिन्न नीति नेताओं के साथ घुट बंधन।।

पहले दिन के भ्रष्टाचारी नेता,

दूसरे दिन  के सत्याचार के श्रेष्ठ नेता।।

परसों अयोग्य नेता।।

महाराष्ट्र केकुनीति राजनीति,

कम संख्या के दल केनेता

पद के लिए अपने

 दुश्मन दल से जुड़ना।।

 आज के सच्चे देशभक्तों का नारा--"राजनीति के साथ रहे सुनीति"!

,स्वचिंतक स्वरचित कविता

अनंतकृष्णन, चेन्नै।।

Thursday, November 19, 2020

पुरुषार्थ

 पुरुषार्थ प्रेमियों को ही प्राप्त,

कैसे प्रेमी?  सोचा?

नर-नारी प्रेमी-प्रेमिका नहीं,

नारायण  के प्रेमी को।।

 धन लालचियों का नहीं,

 दानी परोपकारी को।

नारायण का प्रेमी,

हिरण्यकश्यप को नहीं,

प्रहलाद जैसे अटल भक्तों को,

कृत्रिम पुरुषार्थ दिखावा मात्र।

असली-नकली पुरुषार्थ उनमें हैं जो

मैदान में कूदते हैं।

ऐसे लोगों में नहीं,

मैं डूबन डरी रही किनारे बैठ।।

प्रहलाद पर हाथी तब भी नारायण।

आग में डाला तब भी नारायण।

पत्थर बांध समुद्र में डाला ,

तब भी नारायण।

जबरदस्ती से विष पिलाया तब भी नारायण।।

अब  पांच सौ रुपए दल बदल वोट।।

 नोट दिखाओ अंक,

नोट के बल गवाह बदल।

पद के लिए दल बदल।

मजदूरी सेना, आत्महत्या सेना।।

 हत्यारे लाली क्लर्क चालक।।

पैसे मिलें तो सही,आज नारायण,

कल अल्ला, परसों ईसा।

 खाना भले ही अश्लील हो 

गाने तैयार।

जैसे ही धनी बनो,

यम लेने तैयार।।

किसी में नहीं पुरुषार्थ।।

जितना प्रहलाद में अचल था।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नई।

भारतीय बनें

 19/11/20--

கவி குடும்பம்.

தலைப்பு:

மாநிலம் அல்ல தேசீயக் ஆகட்டும்

प्रांतीय नहीं, भारतीय बनें।।

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ஹிந்தியும் நானே தமிழும் நானே.

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स्वतंत्रता स्थाई रहने 

भ्रष्टाचार रिश्वत स्वार्थ

 देश से अपने  दल

 अपनी सत्ता ही,

अपने वोट के लिए 

ठेकेदार प्रधान, 

शहरीकरण,

उद्योगीकरण  के नाम से

कृषीप्रधान  देश को

मरुभूमि  बनाने वाले

कार्परेट शासकों को

मिटा देने, नदियों को 

राष्ट्रीयकरण करनेवाले,

ग्रमोद्धार करनेवाले,

किसानों को  प्रेरित प्रोत्साहित

ठिकाने पर रखनेवाले,

भारतीयता, भारतीय संस्कृति,

भारतीय भाषाओं को ही

प्रधानता देनेवाले ,

अपनी पूंजी,अपने लाभ 

विदेशियों को  न जाएं,

ऐसे क्रांतिकारी बदलाव लाने

एक युग पुरुष का अवतार चाहिए।।

प्रांतीय दलों के पीछे चलने वाले

राष्ट्रीय नेता कैसे मिटाएंगे?

माया,ममता,लालू,अण्णा, करुणा,

रामाराव आदि के उत्थान देशप्रेमी

राष्ट्रीय नेताओं के कारण नहीं,

सत्ताप्रेमी  स्वार्थ राष्ट्रीय नेताओं के कारण।।

जब तक केवल सत्यता भी 

राष्ट्रीय नेता हैं,

जो प्रांतीय जोश वाले के

 पिछलग्गु हैं,

तब तक प्रांतीय जोश बढैगा ही।।

 ४०से४५% मतदाता मत नहीं देते

अर्थात उनको   देश की चिंता नहीं।।

 बाकी ६०%में १०% तटस्थ।।

बाकी २५+२५ सत्ता प्रिय स्वार्थ

भ्रष्टाचारी धन के लिए,ठेका के लिए

वोट देने वाले भारतीयता से  प्रांतीयता का विराट विषय का माया ममता शैतान ही प्रधान है।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नई।।

[19/11, 4:04 pm] sanantha 50: நமஸ்தே.வணக்கம்.

மாநிலம் அல்ல, 

பாரதீயம்

 ஆகட்டும்.

 சுதந்திரம் நிலைத்திருக்க

ஊழல் லஞ்சம் சுயநலம்

நாட்டை விட அதிக மாக விரும்பும்

 தன் கட்சி தனது ஆட்சி

வாக்குக்காக ஒப்பந்ததாரர்கள்

முக்கியம் என

நகரமயமாக்கல்,

தொழில்மயமாக்கல்,

என்ற பெயரில் 

விவசாய நாட்டை

பாலைவனமாக்கும்

கார்ப்பரேட் ஆட்சி யாளர்களை நீக்கவும்,

நதிகளை தேசீய மயமாக்கும்,

கிராமமுன்னேற்றம்

செய்கின்ற விவசாயிகளுக்கு

 ஊக்கமளிக்கின்ற

 கிராமங்களில் தங்கவைக்கின்ற

பாரதீயம் பாரதப் பண்பாடு பாரதீய மொழிகளுக்கு 

முக்கியத்துவம் 

அளிக்கின்றன

நமது முதலீடு நமது லாபம் வெளிநாட்டிற்குச்

செல்லவிடாமல் 

புரட்சிகரமான மாற்றங்களை உண்டாக்கும் ஒரு யுகபுருஷன் 

அவதாரம் எடுக்க வேண்டும்.

மாநில கட்சி களுக்குப்

பின்னால் செல்கின்ற

தேசீயத் தலைவர்கள் 

எப்படி அகற்று வார்கள்?

மாயா,மமதா லாலு,அண்ணா,

கருணா,ராமாராவ் முதலியவர்கள் எழுச்சிக்கு யார்

காரணம்?

தேசீய தலைவர்கள் 

மாநில  தலைவர்கள்

வால் பற்றி

 செல்கின்றவர்கள் 

இருக்கும் வரை மாநில வெறி அதிகரிக்கத்தான் செய்யும்.

40முதல்45சதவிகிதம் 

வாக்காளர்கள்

வாக்களிப்பதில்லை.

அதாவது அவர்களுக்கு

 நாட்டின் கவலை இல்லை.

மீதமுள்ள 60-70சதவிகித வாக்காளர்களின் 10 சதவிகிதம் நடுநிலையாளர்கள்.

25+25 ஆட்சியாளர்கள்

ஆட்சியை விரும்பும் 

சுயநலம் உள்ளவர்கள்.

ஊழல் பணத்திற்காக,

ஒப்பந்தம் பெற, பணத்திற்கு வாக்களிக்கும் வாக்காளர்கள் உள்ளவரை,

இந்தியாவில் விஸ்வ

 ரூப விஷயம் 

மாயை மமதை சைத்தான் தான் 

பிரதான மாகும்.

சுயசிந்தனையாளர் சுய படைப்பு

அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி மொழி ஆசிரியர்.