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Tuesday, February 5, 2019

गरीबी (मु )


गरीबी (मु )
संचालक :रचना उनियाल जी
चित्र लेखन।
शीर्षक समिति को अनंतकृष्णन जी का नमस्कार।
गरीबी मनुष्य को जितना आनंदप्रद ,
जो कुछ अपने पास उन्हीं से अमीरी जीवन।
जूता न हो तो प्लास्टिक बोतल हो जाता चप्पल।
फुटपाथ पर ही बंगला का अनुभव,
हवा रहित पहिया बन जाता बच्चों के खिलौने।
घी रहितसूखी रोटियों में , अति बल।
बाल में तेल नहीं ,अर्द्ध नग्न वस्त्र।
चेहरे पर उदासिरहित हँसी ,
न लोभ ,निर्मल आचरण ,
बस मेहनत ,थकावट ,
मीठी नींद। अमीरों को भी असंभव।
उनमें दया है ,गली के कुत्ते को खिलाने में
उसीको पहरेदार बनाकर कृतज्ञता के जीवन में
जूट ही वस्त्र उसमें मंत्री का घमंड।
गरीबी अनपढ़ बेकारी इसमें ही देश का जीवन।


गरीबी में परिश्रम ,अमीरों का सुखी जीवन।

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