Anandakrishnan Sethuraman
स्वार्थ
सदस्यों को
सब शीर्षक समिति के
नमस्कार।
-आज का शीर्षक : स्वार्थ
मेरे अर्थात अनंत कृष्णन जी
के द्वारा
स्वयंचिन्तक स्वरचित
स्वार्थ भरी रचना।
सुनिए ,मैं गया मंदिर
भीड़ अधिक ,
गर्भ ग्रह के ईश्वरदर्शन के अंध विश्वास ,
वहाँ के दलील के हाथ
दबाया सौ रूपये का नोट .
हज़ारों के लोग घंटों कतार पर,
अंदर गया सब के आगे ,
दर्शन तो मिले ,
पुण्य मिले या पाप ?
मुझको चिंता नहीं .
दर्शन तो हो गया.
ऐसे दर्शकों के पक्ष में
स्वार्थियों के साथ
भगवान है तो
पैसे ही प्रधान तो
समझ में नहीं आता
वह दर्शन स्वार्थ या
वह भक्ति अप्रधान अंधविश्वास।
स्वार्थ वश भ्रष्टाचारी नेता
वह तो मेरे मन पसंद नेता
उनकी भ्रष्टाचारी सह
उनको ही ओट बटोरता
स्वार्थ , यह आदर्श है या
अन्याय स्वार्थ पता नहीं।
हज़ार रूपये ओट के लिए
लेकर स्वार्थ वश ओट दिया
भ्रष्टाचारी को
वह देश के
लाभ के लिए या स्वार्थ नेता दल के
पता नहीं।
विभीषण के राम से जुड़ना ,
आम्बी के सिकंदर से जुड़ना स्वार्थ या निस्वार्थ
अब भी विदेशी षड्यंत्र
आज भी श्रीलंका में आतंक वाद
स्वार्थ ,स्वार्थी चले गए देश तो
भ्रष्टाचारी और अंग्रेज़ी
भाषा की कठपुतली ,
वह अंग्रेज़ी पारंगत नेता भारतीय
स्वार्थ या निस्वार्थ हमारी
भारतीय भाषाएँ नौकरी प्रधान नहीं ,
वे मातृभाषा अप्रेमी चले गए ,
मातृ भाषा माद्यम बंद ,
अंग्रेज़ी माध्यम स्वार्थ लाभ के मालिक
जूते के लिए कमीशन ,
टाई के लिए कमीशन ,
किताब के लिए कमीशन दाम तो अधिक
किताब सिखाते या न सिखाते
लेना अनिवार्य।
ऐसे स्वार्थ देश में
छात्रों में अनुशासन की कमी
स्वार्थ धन प्रधान
योन ही स्वार्थ से हम
अपना भोजन ,अपना संयम ,
अपनी संस्कृति। अप नी भाषा
भूल रहे हैं .
मुर्दाबाद
स्वार्थ या जिंदाबाद
स्वार्थ
सदस्यों को
सब शीर्षक समिति के
नमस्कार।
-आज का शीर्षक : स्वार्थ
मेरे अर्थात अनंत कृष्णन जी
के द्वारा
स्वयंचिन्तक स्वरचित
स्वार्थ भरी रचना।
सुनिए ,मैं गया मंदिर
भीड़ अधिक ,
गर्भ ग्रह के ईश्वरदर्शन के अंध विश्वास ,
वहाँ के दलील के हाथ
दबाया सौ रूपये का नोट .
हज़ारों के लोग घंटों कतार पर,
अंदर गया सब के आगे ,
दर्शन तो मिले ,
पुण्य मिले या पाप ?
मुझको चिंता नहीं .
दर्शन तो हो गया.
ऐसे दर्शकों के पक्ष में
स्वार्थियों के साथ
भगवान है तो
पैसे ही प्रधान तो
समझ में नहीं आता
वह दर्शन स्वार्थ या
वह भक्ति अप्रधान अंधविश्वास।
स्वार्थ वश भ्रष्टाचारी नेता
वह तो मेरे मन पसंद नेता
उनकी भ्रष्टाचारी सह
उनको ही ओट बटोरता
स्वार्थ , यह आदर्श है या
अन्याय स्वार्थ पता नहीं।
हज़ार रूपये ओट के लिए
लेकर स्वार्थ वश ओट दिया
भ्रष्टाचारी को
वह देश के
लाभ के लिए या स्वार्थ नेता दल के
पता नहीं।
विभीषण के राम से जुड़ना ,
आम्बी के सिकंदर से जुड़ना स्वार्थ या निस्वार्थ
अब भी विदेशी षड्यंत्र
आज भी श्रीलंका में आतंक वाद
स्वार्थ ,स्वार्थी चले गए देश तो
भ्रष्टाचारी और अंग्रेज़ी
भाषा की कठपुतली ,
वह अंग्रेज़ी पारंगत नेता भारतीय
स्वार्थ या निस्वार्थ हमारी
भारतीय भाषाएँ नौकरी प्रधान नहीं ,
वे मातृभाषा अप्रेमी चले गए ,
मातृ भाषा माद्यम बंद ,
अंग्रेज़ी माध्यम स्वार्थ लाभ के मालिक
जूते के लिए कमीशन ,
टाई के लिए कमीशन ,
किताब के लिए कमीशन दाम तो अधिक
किताब सिखाते या न सिखाते
लेना अनिवार्य।
ऐसे स्वार्थ देश में
छात्रों में अनुशासन की कमी
स्वार्थ धन प्रधान
योन ही स्वार्थ से हम
अपना भोजन ,अपना संयम ,
अपनी संस्कृति। अप नी भाषा
भूल रहे हैं .
मुर्दाबाद
स्वार्थ या जिंदाबाद
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