नमस्कार वणक्कम।
दान में बढ़िया ज्ञान दान।
भारत में गो दान, भू दान, स्वर्ण दान सबका महत्व दे रहे हैं।
विद्या दान में कमी नहीं, पर वह परंपरागत हो गया।
आध्यात्मिक शक्ति
शासक शक्ति
राजनैतिक शक्ति
हर कला में
वास्तुकला परंपरा
बढई परंपरा
स्वर्णवार
चित्रकार।
शिल्पकार।
अभिनय कलाकार
कृषी विज्ञान।
परंपरागत होने से
कलाएँ मातृसत्तात्मक पितृ सत्तात्मक ईश्वर प्रदत्त मानी जाती थी।
हर कलाकार अपने निपुणता दिखा रहे थे।
भारत के मंदिरों की मूर्तियों से ही पता चलता है कि कितने सुंदर आभूषण, संगीत वाद्य यंत्र, युद्ध कौशल, पाक कला, भोजन प्रिय।
सभी कलाओं में सर्वसंपन्न सुखी देश।
विदेशी पहले पहल व्यापार के लिए आए।
तमिलनाडु के नाट्टुक्कोट्टै चेट्टियार व्यापार के लिए प्रसिद्ध हैं। जहाज द्वारा, नाव द्वारा समुद्री व्यापार चलता था। आज भी कारैक्कुडी में उनके द्वारा बनाई गई इमारतें अति सुन्दर।
भारत के मंदिरों को लूटने मुगल आये। मनमाना लूटे। बेरहमी हत्याएँ, कला रहना रहित मंदिरों को, मंदिर की मूर्तियों को तोड़ना।
लूटना। पर उन मंदिरों को जैसे के तैसे पुनर्निर्माण अमानुषीय शाक्ति का चमत्कार हैं।
भारत के उत्थान में वीरता थी।
पर पतन देश द्रोह।
संसार में भारत ही ऐसा देश है,
जहां देश के ही देश द्रोही ज्यादा है। द्रोहियों ने विदेशियों को साथ दिया।
परंपरागत तकनीकी शिक्षा को बदलकर पाश्चात्य शिक्षा प्रणाली,
उच्च शिक्षा में जातिगत प्रधानता,
प्रतिभाशाली से औसत बुद्धि वालों के लिए पीढ़ी-दर-पीढ़ी की सुविधाएं परिणाम अनेक प्रतिभाशाली पाश्चात्य देशों में बसना चाहते हैं।
विद्या , संस्कृत भाषा के ज्ञानियों की कमी, परंपरागत शिक्षा का समर्थन कालांतर में जातीयता में बदल गई।
अब शिक्षा महँगी बढ़ गयी।
भ्रष्टाचार के मूल में प्रति भाशाली वकील, चिकित्सक, लेखापाल, रिश्वतखोर अधिकारीवर्ग, शासक सांसद विधायक मंत्री , शिक्षाविद सब के सब जड़ पकड़ रहे हैं।
मतदाताओं में 30%देश के सत्ता पर ध्यान न देकर वोट नहीं देते।
१०%तटस्थ। बाकी 60%में
40-45% मत से जीतकर वह भी अकेला दल नहीं भारतीय सत्ता।
फिर भी गर्व है कि भारत की सर्वांगीण विकास देख रहे हैं।
मजहब और स्वार्थता मिटने पर
भारत ही दुनिया में सर्वोपरी है।
युवकों को जागना, जगाना है।
देश भक्तों को जय!
देश द्रोही, भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोर
सुखी नहीं, उनके मानसिक ईमानदारी के लिए सर्वेश्वर से प्रार्थना है।
एस. अनंत कृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
जय भारत। जय जवान। जय किसान।