Saturday, August 24, 2024

माया महाठगिनी

 देवियों को नमस्कार।

देवियों के विभिन्न रूप

 देवियों की पूजा,

 फिर भी महिलाओं पर अत्याचार बलात्कार।

 हिंदुत्व में करेंगे तो कमी है

 धर्माचार्यों की 

जैसे आसाराम, संन्यासी रूपी  रावण,

 प्रेमानंद, नित्यानंद के रूप में 

 अनाचार बलात्कार 

दंड देकर भी उनकी रक्षा देखरेख सुरक्षित।

 भारतीय धर्म पंथ में अहल्या को शाप।

  इंद्र तो देवराज हजारों योनियों के शाप।

   दमयंती के स्वयंवर मैं नल के रूप में देव।

 देवियों से प्रार्थना  ! 

 देखते हो नर-नारियों के 

  असौमित व्यवहार।

 पटकथा के दृश्यों में गीतों में अभिनयनों में 

 अश्लीलता  अर्द्धनग्नता नग्नता

 शैतान की कुदृष्टि तेरी सद्दृष्टी के सामने 

 किस खेत की मूली।

 देती हो दुख समझते नहीं ज्ञानचक्षु प्राप्त मानव।

 तेरे सद्विचार काम नहीं करते।

 यही है माया शैतान की अपार शक्ति।

 मानव तो दुखी ही दुखी।

 कारण वह दुखी नहीं तो

‌और भी मनमाना करता।

 तेरी सजा बुढापा रोग मृत्यु।

  धन्य है ईश्वरीय कानून।

 फिर भी मानव अज्ञानांधकार में।

 वैद्यों के पारंगत रावण भी अपमानित।

धन्य!धन्य। मायादेवी।

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