Thursday, August 1, 2024

दिव्य शक्ति भारत

 अगजग में भारत-सा  

संपन्न देश।

 ज्ञान का केंद्र, 

वीर वीरांगनाओं का देश 

 वास्तुकला में अतुलनीय।

 धर्म-कर्म में आकार निराकार भक्ति।

 त्यागमय साधु ऋषि मुनि।

 बर्फीले प्रदेश में नंगे बदन।

  स्वर्ण  रत्न हीरे  पन्नों के मंदिर।

 गोरी ,गजनी, मालिकापुर के लूटने के बाद भी उस

 सर्व संपन्न मंदिर,  आज का पुनर्निर्माण।

 राम मंदिर की प्रतिष्ठा।

   फिर भी  हिंदु धर्म की एकता 

 उतनी शक्तिशाली नहीं,

 पैसे स्वार्थ परिणाम 

 जैसा भी हो ईश्वर की सृष्टि में ,

प्रतिभाशाली , मंद बुद्धि, बल दुर्बल चतुर चालाक 

 ये भेद भाव आरक्षण देने पर भी 

 ईश्वरीय शक्ति का अपना विशिष्ट महत्व है ही।

 यही भारत के विभिन्न आक्रमण कर्ताओं को

मज़हबी    घृणित वातावरण में 

 देश भक्ति के शिखर पर है भारत।

 जय जय भारत की दिव्य शक्ति।

एस. अनंत कृष्णन।

तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 



 


 


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