चौली साग | சிறு கீரை, முளைக்கீரை | सिरु कीरै | |
पेठा | நீர்ப் பூசணிக்காய்,पूसनिककाय கல்யாணப் பூசணிக்காய் | ||
चकुंदर | பீட்ரூட் बीट्रूट | ||
करेला | பாகற்காய், பாவக்காய் | पावक्काय | |
ऊरद | உளுந்து उलुंतु | ||
काली मिर्च | மிளகுमिलकु | ||
लोबिया | காராமணி, தட்டாப் பயறு | कारामणि , तट्टप्पयिरू | |
सेम | அவரைக்காய் | ||
पत्तागोभी, | முட்டைக்கோசு मुटटै कोसू | ||
शिमला मिर्च | குடைமிளகாய்कुड़ै मिलकाय | ||
गाजर | கேரட், காரட்केरट | ||
फूल गोभी | பூக்கோசுपूककोसु | ||
आजमोदा | ஆஜ்மோடா, ஓமஇலைओम इलै | ||
हरी मिर्च | பச்சை மிளகாய்पचचै मिलकाय | ||
लाल मिर्ची | சிவப்பு மிளகாய், வற்றல் மிளகாய் | सिवप्पू मिलकाय | |
गवार फली | கொத்தவரங்காய்कोततवरंगाय | ||
मक्का | மக்காச் சோளம் मकाचोलम | ||
खीरा / ककड़ी, | வெள்ளரிக்காய் वेळ्ळरिककाय | ||
मीथणीम पत्ता | கறிவேப்பிலை करिवेप्पिलै | ||
सेंजन | முருங்கைக்காய்मुरुंगैक्काय | ||
बैगन | கத்தரிக்காய், கத்திரிக்காய் कत्तरिककाय | ||
Faras bean | பீன்ஸ் बीन्स | ||
चना | கொண்டைக் கடலைकोंडैक्कडलै | ||
लहसुन | பூண்டு, வெள்ளைப் பூண்டு | वेळ्ळैपपूणडु | |
अदरक | இஞ்சி इंजी | ||
बेसन | கடலை மாவு कडलैमावु | ||
मूंग | பச்சைப்பயறு, பாசிப்பயறு | पॉसिप्परू | |
कुन्द्रू | கோவைக்காய் कोवैककॉय | ||
कटहल | பலாपला | ||
शलगम | நூக்கோல்,நூல்கோல்नूलकोल | ||
भिन्डी | வெண்டைக்காய் वेंडैककॉय | ||
भेइन | தாமரைத் தண்டுतामरैत्तंडु | ||
कनवाल | தாமரை வேர்तामारै वेर | ||
कुम्भी | காளான்काळान | ||
सरसों पत्ता | கடுகுக் கீரை कड़ुहुककीरै | ||
प्याज | வெங்காயம்=वेंगायम | ||
मूँगफली | நிலக்கடலை, வேர்க்கடலை | निलककड़लै | |
मटर | பட்டாணி=पट्टाणी | ||
पुदीना | புதினா पुदिना | ||
केला | வாழைக்காய் वाळैक्कॉय | ||
आलू | உருளைக் கிழங்கு उरुलैक किलांगु | ||
दाल | பருப்பு परुप्पु | ||
कद्दू | பூசணிக்காய்,पूसनक्काय பரங்கிக்காய் परंगिककाय | ||
मूली | முள்ளங்கி मुल्लङ्घि | ||
तोरी | பீர்க்கங்காய் पीरक्कंगाय | ||
, | चाचीण्डा | புடலங்காய் पुडलंगाय | |
पालक | பசலைக்கீரை,पसलेककीरै ,मुलेककीरे | ||
प्याज | வெங்காयम वेंगायम | ||
शकर कन्द | சர்க்கரைவள்ளிககிழங்குशक्करै वल्लिक्किलंगु | ||
इमली | புளி पुलि | ||
टमाटर | தக்காளி तक्काली | ||
shimlaa aaloo | மரவள்ளிக்கிழங்குमरवल्लिक्किलांगु | ||
हल्दी | மஞ்சள் मंजल | ||
ज़िमीकंद | சேனைக்கிழங்கு, சேப்பங்கிழங்கு सेनैककिलांगु ,सेप्पांकिलेंगु |
Sunday, May 12, 2019
तरकारियों के नाम
Tuesday, May 7, 2019
प्यार
प्यार ढाई अक्षर ।
न जानते समझते मह्सूस न करते तो
पण्डित विद्वान पटु भी
बुद्धु बेवकूफ समान ।
कबीर।
कबीर जैसे जुलाहा तिरुवल्लुवर का कहना है कि
हड्डीहीन जन्तुवों को धूप कैसे भूनेगा
वैसे ही प्रेम रहित लोगों को
धर्म देवता सतायेगी।
प्रेम तो नर नारी प्रेम
यों ही पागल होना ,
आत्महत्या करना,
भटकना प्रेम नहीं।
प्रेम मार्ग भक्ति मार्ग होना ही अच्छा है।
प्यार प्यार न रहा,
वह प्यार सताता है,
जो न प्यार करते
उनके पीछे जाने के बदले
चरित्र हीन नाम लेने के बदले
ईश्वरिय प्रेम चरित्र गढ्ता है।
संयम बनाता है।
अनुशासित रखता है।
तुलसी से सीखो,
हाड मज्जा प्रेम तज
ध्यान करो भगवान का।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं
न जानते समझते मह्सूस न करते तो
पण्डित विद्वान पटु भी
बुद्धु बेवकूफ समान ।
कबीर।
कबीर जैसे जुलाहा तिरुवल्लुवर का कहना है कि
हड्डीहीन जन्तुवों को धूप कैसे भूनेगा
वैसे ही प्रेम रहित लोगों को
धर्म देवता सतायेगी।
प्रेम तो नर नारी प्रेम
यों ही पागल होना ,
आत्महत्या करना,
भटकना प्रेम नहीं।
प्रेम मार्ग भक्ति मार्ग होना ही अच्छा है।
प्यार प्यार न रहा,
वह प्यार सताता है,
जो न प्यार करते
उनके पीछे जाने के बदले
चरित्र हीन नाम लेने के बदले
ईश्वरिय प्रेम चरित्र गढ्ता है।
संयम बनाता है।
अनुशासित रखता है।
तुलसी से सीखो,
हाड मज्जा प्रेम तज
ध्यान करो भगवान का।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं
Wednesday, May 1, 2019
सीखिये (मुक्तक )
साहित्य शीर्षक समिति के सदस्यों,
व्यवस्थापक प्रशासक,संचालक,संयोजक,
समन्वयक
सबको बधाइयाँ
अपने अपने सुकर्मों के लिए।
सीखिये शीर्षक।
देश भक्त बनना सीखिये,
ज्ञान प्रदान देश मेँ
पैसेवाले भ्रष्टाचारियों को
सांसद,विधायक बनाना
सही नहीं ,उनको
प्रशासन से हटाना सीखिये।
अन्यायी अमीर भ्रष्टाचारी
हीरे स्वर्ण मुकुट देकर
भक्त के वेश मेँ सम्मान पाता है,
ऐसे बाह्याडंबर भक्तों को
दूर रख उनकी तारीफ करना छोडिए।
दुष्टों को दूर रखिये।
सीखिये दुष्ट संहार ।
मिथ्या जगत मिथ्या शरीर मिथ्या जीवन
असत्यता से बचना सीखिये।
सीखिये अपने अनुभव से
अपने को नेक पथ पर जाना सीखिये।
धन लोभ दिखा हमें गलत मार्ग पर
ले जाने वाले संघ छोडिए ।
अपने को कलंकित
करने वाले कर्म तजिए ।
धन प्रधान मानने का विचार छोड़ना सीखिये।
धन न आपकी जवानी
स्थाई न बना सक्ती।
धन न आपकी जान बचा सक्ती।
धन आपके मान अपमान
छिपा नही सक्ता।
धर्म कर्म दान त्याग आदि
आदर्श पालन करना सीखिये।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण ।
व्यवस्थापक प्रशासक,संचालक,संयोजक,
समन्वयक
सबको बधाइयाँ
अपने अपने सुकर्मों के लिए।
सीखिये शीर्षक।
देश भक्त बनना सीखिये,
ज्ञान प्रदान देश मेँ
पैसेवाले भ्रष्टाचारियों को
सांसद,विधायक बनाना
सही नहीं ,उनको
प्रशासन से हटाना सीखिये।
अन्यायी अमीर भ्रष्टाचारी
हीरे स्वर्ण मुकुट देकर
भक्त के वेश मेँ सम्मान पाता है,
ऐसे बाह्याडंबर भक्तों को
दूर रख उनकी तारीफ करना छोडिए।
दुष्टों को दूर रखिये।
सीखिये दुष्ट संहार ।
मिथ्या जगत मिथ्या शरीर मिथ्या जीवन
असत्यता से बचना सीखिये।
सीखिये अपने अनुभव से
अपने को नेक पथ पर जाना सीखिये।
धन लोभ दिखा हमें गलत मार्ग पर
ले जाने वाले संघ छोडिए ।
अपने को कलंकित
करने वाले कर्म तजिए ।
धन प्रधान मानने का विचार छोड़ना सीखिये।
धन न आपकी जवानी
स्थाई न बना सक्ती।
धन न आपकी जान बचा सक्ती।
धन आपके मान अपमान
छिपा नही सक्ता।
धर्म कर्म दान त्याग आदि
आदर्श पालन करना सीखिये।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण ।
तमिल-हिंदी सीखिए -५.सामान्य वर्त्तमान काल। सबंध बोधक
मैं हिंदी सीखता हूँ। =========नान हिंदी करकिरेन
मैं हिन्दी सीखने के लिए बालामुरुगन हिंदी विद्यालय जाता हूँ। =नान हिंदी कर्क बालमुरुगन विद्यालयम सेलकिरेन। के लिए =aaha
हिंदी अध्यापक ने हिंदी के बारे में कई बातें बतायी। ---हिंदी आसिरियर हिंदियैप पटरी अनेक विषयंगलै सोन्नार। =के बारे में ==पटरि
मैं अपने साथ अपनी बहन को भी ले जाता हूँ.==नान एन्नुडन एन सकोतरियैयुम अलैत्तुच्चेलकिरेन
के साथ -उडन =udan
मेरे पास हज़ार रूपये हैं। == एन्निडम आयिरं रूपायकल इरुककिनरन। =के पास -- इडम ,
मेरे आगे दोस्त जाते हैं। = एनक्कु मुन्नाल नन बर्कल सेलकिन्रनर। के आगे ==मुन्नाल
मेरे पीछे गाड़ी आती है.==एनककुप्पिन्नाल वंडि वरुकिरतु। के पीछे =पिन्नाल
मैं समुद्र की तरफ जा रहा हूँ। ==नान कडलै नोक्कि पोयिककोंडिरुक्किरण। की तरफ =पक्कम
समुद्र के किनारे ठंडी हवा बहती है.= कडरकरैइल कुलिरंत काटरू वीसुकिरतु। के किनारे =करैयिल
वह क्यों मेरी ओर आ रहा है.--अवन एन एन्नै नोक्कि वन्तुकोंडिरुक्किरॉन। की ओर =नोक्कि
बाल मजदूर (मुक्तक )
बाल कलाकार ,बाल सन्यासी,
बल योगी तारीफ करने योग्य।
ऐसे बाल मेहनती मजदूर हो तो
निन्दनीय समाज नहीं ,
निंदनीय राजनीतिज्ञ ।
भ्रस्टाचारी स्वार्थी
अमीरों के विद्यालय चलाते
अंग्रेजी का विकास करते।
खान छिपाकर गान्धी कहते।
भरतीय भाषा कलाओं के नामोनिशान
मिताते। सत्तर साल मेँ भरतीय
मजदूर । पूँजीपति विदेशी।
विदेशी पेय। सोचने की प्रेरणाहीन
अंग्रेज़ी माध्यम लाभ के लिए।
अध्यापक बेगार।
व्यर्थ मगर मच्छ आँसू बहाना ।
राजनीती राजा के काल से आज तक
लोक तंत्र माया ममता लालू करुणा जया की कठपुतली। 39 लोगों के पास
भरतीय सम्पत्ति।जागो भरतीय। क्रान्ति मचाओ ।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्णन
बल योगी तारीफ करने योग्य।
ऐसे बाल मेहनती मजदूर हो तो
निन्दनीय समाज नहीं ,
निंदनीय राजनीतिज्ञ ।
भ्रस्टाचारी स्वार्थी
अमीरों के विद्यालय चलाते
अंग्रेजी का विकास करते।
खान छिपाकर गान्धी कहते।
भरतीय भाषा कलाओं के नामोनिशान
मिताते। सत्तर साल मेँ भरतीय
मजदूर । पूँजीपति विदेशी।
विदेशी पेय। सोचने की प्रेरणाहीन
अंग्रेज़ी माध्यम लाभ के लिए।
अध्यापक बेगार।
व्यर्थ मगर मच्छ आँसू बहाना ।
राजनीती राजा के काल से आज तक
लोक तंत्र माया ममता लालू करुणा जया की कठपुतली। 39 लोगों के पास
भरतीय सम्पत्ति।जागो भरतीय। क्रान्ति मचाओ ।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्णन
चित्र लेखन -मजदूर ---कावड़ी उठाते मजदूर (मुक्तक )
चित्र लेखन -मजदूर ---कावड़ी उठाते मजदूर (मुक्तक )
नमस्कार।
अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं किस काम की
बडे बडे यज्ञ हों किस काम के।
जो होना है होगा ही।
यही पौराणिक वास्तविकता ।
राम न बचे कृष्ण न बचा।
न धर्म बचा, न अधर्म।
धनी न सुख।निर्धनी न दुख।
श्रवणकुमार की कथा बदल।
कावड मेँ आ गये बच्चे।
युगानुकूल चित्र।
सूक्ष्म सांसारिक नीति ।
पुरातनाता मिटना,फेंकना,
नवीनता मनाना
नन्हे मेहमान का चूमना।
मेहमान के कार्यकर्ता की
प्राथमिकता भंग होना।
यही नव चित्र लेखन।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्णन।
चित्र लेखन --मज़दूर (मु )
चित्र लेखन --मज़दूर (मु )
मजदूर ।
महान,
जग निर्माता
दुश्वार काम
दुष्ट रक्षक
द्वार् पालक
मजदूर।
बिना मजदूर कृषी के
भूखों मरता मानव।
राज न तो
राज के अधीन मजदूर न तो
सर्दी धूप मेँ न बचते।
मजदूर संघ मजबूत न तो
वे नंगे भूखे रह जाते।
चमार न तो पाद रक्षा नहीं।
बढ़ई न तो दरवाजा नहीं।
पेशेवर सदा गरीब।
नाविक न तो राम भी न
पार कर सकता नदी।
मजदूर दिवस रोज ही।
मजदूरों को सलाम।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण ।
मजदूर ।
महान,
जग निर्माता
दुश्वार काम
दुष्ट रक्षक
द्वार् पालक
मजदूर।
बिना मजदूर कृषी के
भूखों मरता मानव।
राज न तो
राज के अधीन मजदूर न तो
सर्दी धूप मेँ न बचते।
मजदूर संघ मजबूत न तो
वे नंगे भूखे रह जाते।
चमार न तो पाद रक्षा नहीं।
बढ़ई न तो दरवाजा नहीं।
पेशेवर सदा गरीब।
नाविक न तो राम भी न
पार कर सकता नदी।
मजदूर दिवस रोज ही।
मजदूरों को सलाम।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण ।
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