Wednesday, May 1, 2019

सीखिये (मुक्तक )

साहित्य  शीर्षक समिति के सदस्यों,
व्यवस्थापक प्रशासक,संचालक,संयोजक,
समन्वयक
सबको  बधाइयाँ
अपने अपने सुकर्मों के लिए।

  सीखिये शीर्षक।
 देश  भक्त बनना  सीखिये,
ज्ञान प्रदान देश मेँ
पैसेवाले भ्रष्टाचारियों को
सांसद,विधायक  बनाना
सही नहीं ,उनको
प्रशासन से हटाना सीखिये।
अन्यायी  अमीर भ्रष्टाचारी
हीरे स्वर्ण मुकुट देकर
भक्त  के वेश मेँ सम्मान पाता है,
ऐसे बाह्याडंबर  भक्तों को
दूर रख उनकी तारीफ करना  छोडिए।
दुष्टों को दूर रखिये।
सीखिये दुष्ट  संहार  ।
मिथ्या जगत मिथ्या शरीर मिथ्या जीवन
असत्यता से बचना सीखिये।
सीखिये अपने अनुभव से
अपने को नेक पथ  पर जाना सीखिये।
धन लोभ दिखा हमें गलत मार्ग पर
ले जाने वाले संघ छोडिए ।
अपने को कलंकित
करने वाले कर्म तजिए ।
धन प्रधान मानने का विचार छोड़ना सीखिये।
धन न आपकी जवानी
स्थाई  न बना सक्ती।
धन न आपकी जान बचा सक्ती।
धन आपके मान अपमान
छिपा नही सक्ता।
धर्म कर्म दान त्याग आदि
आदर्श पालन करना सीखिये।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण ।

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