Wednesday, May 29, 2019

नाच/कृष्ण चित्रलेखन

 नमस्ते । 
मीरा,आंडाल, राधा,रुकमणि नहीं, 
फिर भी विट्ठल बन नाचूँ,

माँगूँ वर,मिलूँ, सूर,अष्टछाप बनूँ,
तेरा अनुग्रह चाहिए ।
जितना तेरा प्रेम मिले,
उतना अनंत आनंद ।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
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