चित्र लेखन --मज़दूर (मु )
मजदूर ।
महान,
जग निर्माता
दुश्वार काम
दुष्ट रक्षक
द्वार् पालक
मजदूर।
बिना मजदूर कृषी के
भूखों मरता मानव।
राज न तो
राज के अधीन मजदूर न तो
सर्दी धूप मेँ न बचते।
मजदूर संघ मजबूत न तो
वे नंगे भूखे रह जाते।
चमार न तो पाद रक्षा नहीं।
बढ़ई न तो दरवाजा नहीं।
पेशेवर सदा गरीब।
नाविक न तो राम भी न
पार कर सकता नदी।
मजदूर दिवस रोज ही।
मजदूरों को सलाम।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण ।
मजदूर ।
महान,
जग निर्माता
दुश्वार काम
दुष्ट रक्षक
द्वार् पालक
मजदूर।
बिना मजदूर कृषी के
भूखों मरता मानव।
राज न तो
राज के अधीन मजदूर न तो
सर्दी धूप मेँ न बचते।
मजदूर संघ मजबूत न तो
वे नंगे भूखे रह जाते।
चमार न तो पाद रक्षा नहीं।
बढ़ई न तो दरवाजा नहीं।
पेशेवर सदा गरीब।
नाविक न तो राम भी न
पार कर सकता नदी।
मजदूर दिवस रोज ही।
मजदूरों को सलाम।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण ।
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