Tuesday, May 14, 2019

विषय युक्त विषय मुक्त

परिषद को प्रणाम।
जिन्दगी  विषय मुक्त या विषय युक्त।
सार्थक या  निरर्थक। पता नही ।
नाम मिले  तो सार्थक या
 दाम मिले तो सार्थक।
काम मिलें तो सार्थक ।
काम नियन्त्रण में सार्थंक।
कामांध को निरर्थक।
मिली शिक्षा तुलसी के जीवन से।
अहंकार निरर्थक।
कंजूसी निरर्थक ।
भ्रष्टाचारी निरर्थक।
रिश्वतखोरी  निरर्थक।
यथार्थता मृत्यू।
जनकल्याण  नाम से लूट।
ईश्वर के नाम लेकर धोखा।
धन प्रधान समाज,कफन ही साथ।
यही विषय युक्त जान।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।

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