शीर्षक --यादें।
Thursday, December 31, 2020
यादें
अविस्मरणीय घटना
मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना।
मैं १९६७ में P UC के बाद आगे पढ न सका। मेरी मां हिन्दी प्रचारिका।
मैं भी हिंदी प्रचार करने लगा ।
तब एक सरकारी अस्पताल के एक कर्मचारी हिंदी पढ़ने आए।
नाम हृदय राज। चतुर थे।
पर यह ,वह का उच्चारण यग ,लग
ही किया करते थे।
एक दिन वे मिठाई के साथ आए।
कहा - मैं पी.ए.,(बी.ए) पास हो गया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के पत्राचार पाठ्यक्रम में पढ़ा।
मैं ने उनकी प्रेरणा से
बी.ए, का स्नातक बना।
उनका नाम ह्र राज मेरे ह्रदय कै राजा बने। मुझे सरकारी स्कूल में तमिलनाडु में हिंदी अध्यापक की नौकरी मिली।
तब मेरे सह अध्यापक श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय में निजी छात्र के रूप में
एम.ए हिंदी पढ़ने की सलाह दी।
पहली बार तिरुपति गया।
परीक्षा देकर तिरुमलाई में श्री वेंकटेश्वर के दर्शन करने गया। बड़ी भीड़ थी।
तब गोपुर के प्रधान
द्वार पर खड़ा था। पहली बार जाने से पता नहीं कतार पर खड़े होने कहां जाना है।
तब न जाने एक अज्ञात दिव्य पुरुष मुझे सीधे राजगोपुरम से गर्भ स्थान ले गए। श्री बालाजी के दर्शन दस मिनट में। एम.ए के परीक्षा फल के निकलते ही स्नातकोत्तर हिंदी अध्यापक की नौकरी हिंदू हायर सेकंडरी स्कूल,तिरुवल्लिक्केणी , चेन्नई में।
जिस प्रांत में सरकारी स्कूलों में हिंदी ही नहीं, वहां हिंदी स्नातकोत्तर हिंदी अध्यापक। हर साल स्कूल के अध्यापक संघ द्वारा दस रुपए में
तिरुमलाई की तीर्थ यात्रा। दो दिन बढ़िया भोजन के साथ ठहरने की व्यवस्था। पच्चीस साल लगातार दर्शन। अवकाश प्राप्त होने तक।
चिरस्मरणीय दर्शन। मुझे सीधे दर्शनके लिए जो ले गये, उन्होंने अपना नाम वेंकटाचलम कहा और यह भी कहा मैं सब का अन्नदाता हूं। दर्शन कर बाहर आते ही वे ओझल हो गये।
आज भी वह घटना ताज़ी है।
ऊं अच्चुदा अनंता गोविंदा।।
चिरस्मरणीय अनुकरणीय उल्लेखनीय घटना।
सबहिं नचावत राम गोसाईं।।
Wednesday, December 30, 2020
आसमान
नमस्ते नमस्ते वणक्कम।
दिनांक 30-12-2020
बुधवार।
विषय -- गगन। आकाश आसमान
तमिल में एक प्राचीन कविता है,
गगन तमिल में कगनम्।
गगन से आते समय नीर तेरा नाम।
ग्वालिन के हाथ जाने पर मट्टा।
आसमान नीला, मेघ सफेद,काला।।
धूप ले जाता भाप,
नीला मेघ सफेद होता।।
सफेद मेघ काला बनता।
काले बादल गरजता,
बिजली चमकाता।
रिमझिम पानी बरसाता।
आसमान पर सूर्योदय की लालिमा
सूर्यास्त की लालिमा।
एक जगाता,
एक सुलाने का
समय लाता।।
आसमान न होता तो
हमारी भूमि का छत,
समृद्धि और सूखे के मूल।।
पूर्णिमा की चांदनी अति अद्भुत।।
आसमान में इंद्रधनुष कितना मनोहर।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।
मौसम
नमस्ते वणक्कम।
३०-१२-२०२०
साहित्य संगम संस्थान पंजाब इकाई
मौसम .
मौसमों का बदलना,
पसंद हो या न हो,
हर मौसम के चाहक
अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए।
शक्कर और नमक के व्यापारी
वर्षा नहीं चाहते। गर्मी चाहते।
गरम कपड़े के व्यापारी ,
सर्दी चाहते, गर्मी नहीं।
स्कूल के बच्चे वर्षा चाहते
बार बार स्कूल की छुट्टी।।
मरुभूमि और ध्रुव प्रदेश।
मौसम की चिंता नहीं।
छात्रों के लिए
मार्च-अप्रैल वार्षिक
परीक्षा का मौसम।।
अनपढ़ों के लिए भय।।
पढ कर जो परीक्षा देने तैयार हैं,
उनके लिए आनंद का मौसम।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।
हाथी
नमस्ते। वणक्कम।
माँ हाथी, बच्चा हाथी।
अति प्रिय ,पर कुमुकी हाथी।
अलग ले आने में समर्थ।
देखने में बड़ा हाथी,
पर प्यार का प्यासा,
पालतू हाथी,
सरकस हाथी,
पूजा की घंटी बजाता।
दोनों पैरों से नाचता।
एक स्कूल पर खड़ा हो जाता।।
जंगली हाथी और सनकी
अति भयंकर जान।।
शहतीर उठाने में मदद।
पागल हो जाता तो शहतीर
उठाकर फेंकने माउत को भी
मारने तैयार।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।
Tuesday, December 29, 2020
माया
नमस्ते। நமஸ்தே.
वणक्कम।। வணக்கம்.
माया ।शैतान। மாயை . சைத்தான்.
வணக்கம்.நமஸ்தே!
தமிழும் நானே.ஹிந்தியும் நானே.
கவி குடும்பம்..कवि कुटुंब।
இன்றைய தலைப்பு.
शीर्षक :माया-योगमाया ।மாயை யோகமாயை.
6-12-2020.
असली माया।। உண்மையான மாயை
नकली माया।। பொய்யான மாயை.
रंग माया। வண்ண மாயை.
रंगीली माया।। கேளிக்கை மாயை
चमकती माया।। ஒளிரும் மாயை.
नर-नारी, प्रेमी-प्रेमिका माया।। ஆண்-பெண்,காதலன்-காதலி மாயை
धन माया, अहं माया।। தன மாயை,ஆணவமாயை
लोभ माया ,सत्ता माया, பேராசை மாயை,
ஆட்சி மாயை
पद माया, अधिकार माया।। பதவி மாயை ,அதிகாரமாயை.
न जाने विविध माया।। அறியாத பல வித மாயைகள்.
माया से बचना अति मुश्किल।। மாயையில் இருந்து தப்பிப்பது அதிக கடினம்.
माया महाठगिनी மாயை மஹா மோசக்காரி
त्रिदेव भी न बचे।। மூன்று. தேவர்களும் தப்பவில்லை.
मामूली मानव सद्य: फल के लोभी।।
சாதாரண மனிதன் உடனடி பலன்
அடையும் பேராசைக்காரன்.
परिणाम असाध्य दुखी ईश्वरीय दंड।।
பலன் தீர்க்க முடியாத
கடவுளின் தண்டனை.
+++++++++++++++++++
योगमाया योग साधना ध्यान।
யோகமாயைகடவுள் விருப்பம்- யோகசாதனை -தியானம்.
कितने करते वे सुखी।।
செய்கின்ற அளவிற்கு சுகம் அதிகரிக்கும்.
செய்யாத அளவிற்கு துன்பம்.
அதனால் மனிதனால்
மாயையில் சிக்கி
மனிதன் சொல்கிறான்--
உலகம் இன்னல் மயமானது.
யோகமாயை (ஈஸ்வரசக்தி மாயை)
பெற்ற மனிதன் சொல்கிறான்---
"பூமி சுவர்க்கம்."
नमस्ते।
वणक्कम।।
माया ।शैतान।
असली माया।।
नकली माया।।
रंग माया।
रंगीली माया।।
चमकती माया।।
नर-नारी, प्रेमी-प्रेमिका माया।।
धन माया, अहं माया।।
लोभ माया ,सत्ता माया,
पद माया, अधिकार माया।।
न जाने विविध माया।।
माया से बचना अति मुश्किल।।
माया महाठगिनी त्रिदेव भी न बचे।।
मामूली मानव सद्य: फल के लोभी।।
परिणाम असाध्य दुखी ईश्वरीय दंड।।
योगमाया योग साधना ध्यान।
कितने करते वे सुखी।।
कितने न करते दुखी।
अतः मनुष्य कहता है
दुख भरा संसार।।
योगमाया प्राप्त मानव कहता,
स्वर्ग है वसुंधरा।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।।
कितने न करते दुखी।
अतः मनुष्य कहता है
दुख भरा संसार।।
योगमाया पर्याप्त मानव कहता,
स्वर्ग है वसुंधरा।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।।
पूजा अर्चना और वंदना
नमस्ते। वणक्कम।
शीर्षक पूजन अर्चन वंदना।
29-12-2020.
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।
फूलों से अष्टोत्तर, सहस्रनाम,
अर्चना मनोकामना पूरी होने वंदना।।
भारतीय परंपरा ईश्वर वंदना का।।
पू माने फूल। सेय माने करना।
पूजा फूल से सहस्रनाम,
एक एक फूल डालकर अर्चना।।
कर जोड़ ईश्वर से प्रार्थना।।
लाखों नामों की अर्चना भी है।
मानसिक शांति , संतोष ,आनंद
पूजा,अर्चना और वंदना है
मनोकामना होती है पूरी।
अनंत कृष्णन चेन्नै तमिलनाडु