नमस्ते। वणक्कम।
माँ हाथी, बच्चा हाथी।
अति प्रिय ,पर कुमुकी हाथी।
अलग ले आने में समर्थ।
देखने में बड़ा हाथी,
पर प्यार का प्यासा,
पालतू हाथी,
सरकस हाथी,
पूजा की घंटी बजाता।
दोनों पैरों से नाचता।
एक स्कूल पर खड़ा हो जाता।।
जंगली हाथी और सनकी
अति भयंकर जान।।
शहतीर उठाने में मदद।
पागल हो जाता तो शहतीर
उठाकर फेंकने माउत को भी
मारने तैयार।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।
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