Saturday, December 12, 2020

तुम इतना जो मुस्कुरा रही हो

 नमस्ते! वणक्कम!

विधा -परोडा।

तुम इतना जो मुस्कुरा रह  हो।

साठ प्रतिशत मत नहीं देते।

४०%में २५%मत पाकर शासक।।

७५%  का नापसंद शासन।।

तब भी देश  की। प्रगति।। भारतीय!

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो।।

भ्रष्टाचार, रिश्वत खोर खान  छिपा गांधी,

खुल्लमखुल्ला ठग,देश‌विरोध।।

देव की भाषा भूलने अंग्रेजी शिक्षा।।

 फिर भी देश। की। आर्थिक। प्रगति।।

मुस्करा रहे हो, आनंद मिलन हो।।

जरा सोचो,जागो,देव की कल्पना करो।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नई।

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