नमस्ते नमस्ते वणक्कम।
दिनांक 30-12-2020
बुधवार।
विषय -- गगन। आकाश आसमान
तमिल में एक प्राचीन कविता है,
गगन तमिल में कगनम्।
गगन से आते समय नीर तेरा नाम।
ग्वालिन के हाथ जाने पर मट्टा।
आसमान नीला, मेघ सफेद,काला।।
धूप ले जाता भाप,
नीला मेघ सफेद होता।।
सफेद मेघ काला बनता।
काले बादल गरजता,
बिजली चमकाता।
रिमझिम पानी बरसाता।
आसमान पर सूर्योदय की लालिमा
सूर्यास्त की लालिमा।
एक जगाता,
एक सुलाने का
समय लाता।।
आसमान न होता तो
हमारी भूमि का छत,
समृद्धि और सूखे के मूल।।
पूर्णिमा की चांदनी अति अद्भुत।।
आसमान में इंद्रधनुष कितना मनोहर।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।
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