Search This Blog

Friday, August 2, 2019

वन उपवन

प्रणाम।
 वन स्वेच्छा से
अनुशासन हीन
 तो
उपवन सुंदर
अनुशासित
माली की जरूरत।
वनवनमाली  की
सहजक्रियाएँ।
हमेशा   कृत्रिम  सुंदरता
अति आकर्षित।
माली की देखरेख
नियमानुसार।
 फिर  भी महत्व वन का।
न तो न वर्षा  न पानी न हवा।
उपवन लौ किक,
वन अलौकिक आनंद।
स्वरचित स्वचिंतक
यस अनंतकृष्णन।

No comments:

Post a Comment