Saturday, August 10, 2019

कण्णदासन की कविता

Daily one song blogspot today I took and publishing.
Think about the film

चित्र पट = मदुरै वीर
  कवि का नाम --तमिल चित्रपट कवि सम्राट
 कण्णदासन  साल =1956

  सोच सोच देख।
 ठगकर जीने का धंधा ।
 ठीक है क्या?
जी! सोचिएगा।
 सोच सोच देखिए।
ठगकर जीने का धंधा।
ठीक है क्या?
नट सुप्पा
आतंकवादी  बद्माश सुब्बा।
कृष्णा! ज़रा  सोचकर देखना।
ठगकर जीने का धंधा सही है क्या?
गहराई  से सोचना,
लूट डकैतियों से जीने पर
कोई  छोडेगा क्या?
डकैति के रईस सब
जेल केशहतीर  गिनना ही पडेगा।
ताला तोडने के चोरों ।
बाघों। इसे समझ लेना।
जिंदगी भर डकैती की जिंदगी।
छेद डालकर चोरी की जिंदगी।
उत्पात उपद्रव  का जीवन।
स्वप्न में  भी न चाहिए।
अच्छी बातें  खूब सोचिए।
शहर लूट कर जीना नहीं चाहिए।
डरडरकर जीना भी न चाहिए
  हल लेकर खेत जीतकर जीना ।
गौरव पूर्ण जिंदगी जीना श्रेष्ठ है।














ஏச்சுப் பிழைக்கும்

திரைப்படம்: மதுரை வீரன்
இயற்றியவர்: கவிஞர் கண்ணதாசன்
இசை: ஜி. ராமநாதன்
பாடியவர்: டி.எம். சௌந்தரராஜன், ஜிக்கி
ஆண்டு: 1956

ஏச்சுப் பிழைக்கும் தொழிலே சரிதானா? எண்ணிப் பாருங்க
ஏச்சுப் பிழைக்கும் 

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