Search This Blog

Friday, August 2, 2019

नाग

मंच को प्रणाम। संचालक को नमस्कार।
वणक्कम्।
नाग/साँप
जानते हैं  सब।
गुण जानते हैं
फुफकार और विषैला
प्रभाव जानते हैं,
उनसे बच सकते हैं।
पर स्वार्थ  भ्रष्टाचारी
लोभी लूटेरा  फिर फिर
जीतता चुनाव।
हर चुनाव में  वही वादा
न निभाता फिर भी विजयी।
ऐसे मनुष्य  नाग का पता
मतदाताओं को 
पता नहीं  चलता।
क्यों?
नाग से अति क्रूर।
साँप  नाग को पालने से
इन देश के लुटेरों  को पालना
अति खतरनाक  जान।
स्वरचित  स्वचिंतक
यस-अनंतकृष्णन।
तमिलनाडु  हिंदी प्रचारक।

No comments:

Post a Comment