Thursday, March 16, 2023

कवि को राजसम्मान --तमिल कवियत्री औवैयार


कवि को राजसम्मान ----तमिल कवियत्री औवैयार 



 "விரகர்  இருவர் புகழ்ந்திட  வேண்டும் 
 விரல் நிரைய   மோதிரங்கள் வேண்டும் - அரையதனில்
 பஞ்சேனும்   பட்டேனும்  வேண்டும்  அவர் கவிதை
 நஞ்சேனும்  வேம்பேனும்  நன்று.

विरकर्  इरुवर पुकल्न्तिड  वेंडुम्.  
विरल  निरैय मोतिरम् वेंडुम् --अरैयतनिल 
पंचेनुम् पट्टेनुम् वेंडुम्  अवर  कवितै
नंचेनुम वेंबेनुम्  नन्रु ------तमिल मूल 
    

   राजदरबार में सम्मान और पुरस्कार पाना है तो 
१२वीं शताब्दी की कवयित्री  औवैयार ने अपनी कविता में लिखा है --
  कवि  के साथ  उनकी कविता  की प्रशंसा  करने दो व्यक्ति चाहिए । 
कवि की उंगलियों में  अंगूठियाँ  चमकनी चाहिए । 
कमर पर रेशमी धोती चमकनी चाहिए ।
वैसे वैसे   सजतजकर  रहने पर  उनकी कविता  भले ही जहरीला हो,
नीम सी कडुवी  हो ,सम्मान मिलेगा ही ।

तमिल भावार्थ-----ऍस. अनंतकृष्णन ,चेन्नै तमिलनाडु 
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