कवि को राजसम्मान ----तमिल कवियत्री औवैयार
"விரகர் இருவர் புகழ்ந்திட வேண்டும்
விரல் நிரைய மோதிரங்கள் வேண்டும் - அரையதனில்
பஞ்சேனும் பட்டேனும் வேண்டும் அவர் கவிதை
நஞ்சேனும் வேம்பேனும் நன்று.
विरकर् इरुवर पुकल्न्तिड वेंडुम्.
विरल निरैय मोतिरम् वेंडुम् --अरैयतनिल
पंचेनुम् पट्टेनुम् वेंडुम् अवर कवितै
नंचेनुम वेंबेनुम् नन्रु ------तमिल मूल
राजदरबार में सम्मान और पुरस्कार पाना है तो
१२वीं शताब्दी की कवयित्री औवैयार ने अपनी कविता में लिखा है --
कवि के साथ उनकी कविता की प्रशंसा करने दो व्यक्ति चाहिए ।
कवि की उंगलियों में अंगूठियाँ चमकनी चाहिए ।
कमर पर रेशमी धोती चमकनी चाहिए ।
वैसे वैसे सजतजकर रहने पर उनकी कविता भले ही जहरीला हो,
नीम सी कडुवी हो ,सम्मान मिलेगा ही ।
तमिल भावार्थ-----ऍस. अनंतकृष्णन ,चेन्नै तमिलनाडु
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Thursday, March 16, 2023
कवि को राजसम्मान --तमिल कवियत्री औवैयार
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