Monday, March 20, 2023

भारत की एकता मे आध्यात्मिकता की देन

 भारतीय भाषा विचारधारा।

हिंदी साहित्य परिवार मंच के प्रशासक, समन्वयक,संयोजक, सदस्य ,कवि,कवयित्रियाँ,लेखक,लेखिकाएँ सबको ऍस.अनंतकृष्णन,तमिलनाडु के हिंदी प्रेमी का नमस्कार।
अंतर्राष्ट्रीय कविता विशेष आयोजक को विशेष नमस्कार ।
विषय --०० भारत की एकता मे आध्यात्मिकता की देन
विधा---अपनी हिंदी-अपनी शैली.
भारत आध्यात्मिक भूमि है ।
आ सेतु हिमाचल की एकता,
भक्ति केंद्रित है ।
हमारे देश की रक्षा
ईश्वरीय पहरे पर आधारित है ।
अहिंसा प्रिय भारत देश में
हिंसात्मक विदेशियों का आक्रमण,
चेंगिस्खान से अंग्रेजों तक ,
मजहबी परिवर्तन,
भाषा परिवर्तन,
खडी बोली का हिंदी में परिवर्तन,
आजादी के बाद आ सेतु हिमाचल
अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की बढती संख्या,
साथ ही बढते मंदिर,
मस्जिद,गिरिजा घरों की संख्या
एक विचित्र मानवता का नमूना है ।
भक्ति क्षेत्र में विचित्र एकता.
शीरडी साई बाबा के भजन में ।
मसजिद-मंदिर की एकता,
धार्मिक सहनशीलता का आदर्श
अन्यत्र और कहीं नहींं ,
अगजग में यह नारा,
सर्वे जनाःसुखिनो भवन्तु।
वसुदैव कुटुंबकम्।
कहीं नहीं गूँजा,यह गीत--
हिंदु मुसलिम सिक्ख ईसाई
आपस में हैं भाई-भाई ।
कबीर वाणी मानवता का प्रचार।
उद्धव की निर्गुण सीख ।
गोपिकाओं का सगुण वाद.
अन्य मजहबों में ऐसी सहनशीलता है ही नहीं ।
स्वरचित स्वचिंतक ऍस.अनंतकृष्णन्
तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी -प्रचारक

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