
हिंदी साहित्य परिवार मंच के प्रशासक, समन्वयक,संयोजक, सदस्य ,कवि,कवयित्रियाँ,लेखक,लेखिकाएँ सबको ऍस.अनंतकृष्णन,तमिलनाडु के हिंदी प्रेमी का नमस्कार।
अंतर्राष्ट्रीय कविता विशेष आयोजक को विशेष नमस्कार ।
विषय --०० भारत की एकता मे आध्यात्मिकता की देन
विधा---अपनी हिंदी-अपनी शैली.
भारत आध्यात्मिक भूमि है ।
आ सेतु हिमाचल की एकता,
भक्ति केंद्रित है ।
हमारे देश की रक्षा
ईश्वरीय पहरे पर आधारित है ।
अहिंसा प्रिय भारत देश में
हिंसात्मक विदेशियों का आक्रमण,
चेंगिस्खान से अंग्रेजों तक ,
मजहबी परिवर्तन,
भाषा परिवर्तन,
खडी बोली का हिंदी में परिवर्तन,
आजादी के बाद आ सेतु हिमाचल
अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की बढती संख्या,
साथ ही बढते मंदिर,
मस्जिद,गिरिजा घरों की संख्या
एक विचित्र मानवता का नमूना है ।
भक्ति क्षेत्र में विचित्र एकता.
शीरडी साई बाबा के भजन में ।
मसजिद-मंदिर की एकता,
धार्मिक सहनशीलता का आदर्श
अन्यत्र और कहीं नहींं ,
अगजग में यह नारा,
सर्वे जनाःसुखिनो भवन्तु।
वसुदैव कुटुंबकम्।
कहीं नहीं गूँजा,यह गीत--
हिंदु मुसलिम सिक्ख ईसाई
आपस में हैं भाई-भाई ।
कबीर वाणी मानवता का प्रचार।
उद्धव की निर्गुण सीख ।
गोपिकाओं का सगुण वाद.
अन्य मजहबों में ऐसी सहनशीलता है ही नहीं ।
स्वरचित स्वचिंतक ऍस.अनंतकृष्णन्
तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी -प्रचारक
No comments:
Post a Comment