Friday, March 24, 2023

भक्ति विचार धारा

 


नमस्ते --वणक्कम्
अर्द्धनारीश्वर को प्रणाम्।
आनंद तांडव को नमस्कार ।
इह-पर सुख दाता को नमस्कार ।
ईश्वर-परमेश्वर -परमेश्वरी को नमस्कार ।
उत्तमोत्तम गुणी को नमस्कार।
ऊर्द्धव तांडव मूर्ति को नमस्कार
एक-अनेक को नमस्कार.
ऐश्वर्य दाता को नमस्कार.
ओंकर नाथ को नमस्कार ।
औषध दाता वैद्य नाथ को नमस्कार.
ऍस.अनंतकृष्णन, चेन्नै.
Edit
Delete
नमस्ते. वणक्कम्.
सागर से घेरे अगजग में शांति चाहिए ।
असाध्य रोग मिट जाना चाहिए.
घर घर में नाम जप करना चाहिए।
देश भर में धर्म नीति की समृद्धि चाहिए।
वेदश्रेणी हिंदु धर्म परिपालन संगठन,चेननै-४२.
हिंदु धर्म के छे बडे भाग--
१.शैव२.२.साख्त ३.वैष्णव ४.गाणाप्य ५.कैमारय ६.सौरम
शैव--शिव
साख्त--पराशक्ति
वैष्णव--विषणु
गणापत्य- अष्ट गणपति
कौमार्य--कार्तिक
सौरम्--सूर्य
कुल शिव मंदिर--२८३. इनमें तमिलनाडु में मात्र २७६ हैं ।
वैष्णव मंदिर--१०८. इनमें ९६ तमिलनाडु में हैं ।
कार्तिक मंदिर -२१ हैं,१८ तमिलनाडु में हैं ।
गणपति के सब मंदिर तमाडु में हैं ।
भूमि,जल, अग्नि्. वायु,आकाश के पंच तत्व मंदिर तमिलनाडु में ही हैं।
अनुवाद सार --ऍस. अनंतकृष्णन

No comments:

Post a Comment