Saturday, June 10, 2023

நாலாயிர திவ்ய ப்ரபந்தம் -चार हजार दिव्य प्रबंध

 நாலாயிர திவ்ய ப்ரபந்தம் -चार हजार दिव्य प्रबंध

तमिल भाषा में शैव- वैष्णव संप्रदायों के भक्त
कवियों की संख्या अधिक हैं ।  शिव कवियों में अप्पर,सुंदरर्,
माणिक्कवासकर,तिरुनाउक्करसर आदि प्रसिद्ध हैं ।इनके अलावा तिरुमूलरकृततिरुमंतिरम ग्रंथ व तमिल के सिद्ध कवि भी प्रसिद्ध हैं।
शिव भक्तों में ६३ नायनमार प्रसिद्ध हैं।
वैष्णव भक्त कवियों को आल्वार कहते हैं ,उनसे रचित ग्रंथ हैं -
चार हजार दिव्य प्रबं ,तमिल में नालायिर दिव्य प्रबंधम् कहते हैं ।
यह ग्रंथ चार हजार पद्यों का है,भगवान विष्णु के यशोगान के हैं ।
इसमें विष्णु् के एक सौ आठ  दिव्य क्षेत्रों का अति सुंदर शब्दों में वर्णन मिलते हैं ।  इस ग्रंथ को द्राविड वेद,द्राविड प्रबंधम्,पंचम वेद, तमिल वेद आदि नामों से भी  प्रशंसा करते हैं । 
इस ग्रंथ का रचना काल ई०.६ से९ वीं शताब्दी  है। बारह  वैष्णव भक्तों के द्वारा रचित यह ग्रंथ  दसवीं शताब्दी में विष्णु भक्त श्री नाथमुनि द्वारा संग्रहित किया गया है । इन पद्यों की संख्या ३,८९२ हैं।नाथ मुनियों ने इन पद्यों को चार भागों में वर्गीकृत किया है ।वे हैं  १.मुतलायिरम्,२.तिरुमोलि ३.तिरवाय मोलि ४.इयर्पा.इन वर्गीकरणों को हिंदी में यों अनुवाद कर सकते हैं ।१.प्रथम सह्स्र गीत २ .श्री भाषा ३.श्रीमुख भाषा ४.सहजगीत.
नाथमुनि के बाद श्री मणवाल मुनि ने श्रीरंगम् के श्री रामानुजर के दास कवि अम्दनार रचित रामानुजर  नूट्रंदाति के १०८ गीतों को मिलाकर  चार हजार गीतों का संग्रह बनाया ।ये चार हजार गीत गेय पद है। तमिल  वैष्णव भक्त  राग सहित गाते हैं ।
चार हजार दिव्य प्रबंध  २४ प्रबंधों  में वर्गीकृत हैं ।
१. पेरियालवार कृत तिरुप्पल्लांडु- १२ गीत
२.पेरियाल्वार तिरमोलि-            ४६१ गीत
 3.आंडाल कृत तिरुप्पावै.-   ३०
४.गीत
 नाच्चियार कृत तिरुमोलि-  १४३

५.कुलशेखर आलवार कृत पेरुमाल तिरुमोलि-१०५ 
६. तिरुमलिसै आलवार कृत तिरु छंद विरुत्तम्-१२०
७.तोंडरडिप्पोडिययालवार कृत तिरुमालै - ४५ 
 ८.तिरुप्पललि एलुच्चि-१०

९. तिरुप्पाणन आलवार कृत अमलनादिपिराण-१०
१०.मधुरकवि आलवार कृत कण्णिनुण चिरुत्तांबु     ११
११. तिरुमंगै आलवार कृत पेरिय तिरुमोलि -१०८४ १२.तिरुकुरुंतांडकम्-२० गीत  १३ .तिरुनेडुंतांडकम्-३० गीत
१३.   पोयकै आल्वार कृत मुतल तिरुवंदाति-१००
१४.भूतत्तालवार कृत-इरंडाम् तिरुवंदाति -१०० 
१५. पेयालवार कृत मूनराम् तिरुवंदाति   १००
 १६.  तिरुमलिसै आलवार कृत  नानमुखन तिरुवंदाति-९६
१७. नम्मालवार्  कृत  तिरुविरुत्तम्-१०० .१८. तिरुवांचियम्-७ 
१९.पेरिय तिरुवंदाति-८७

२०.  तिरुमंगैयालवार कृत तिरुऍलु कूट्ररिक्कै -१
२१.सिरिय तिरुमडल-४०
२२.पेरिय तिरुमडल् -७८
२३  तिरुवरंगत्तु अमुनार कृत रामाुजर नूट्रंदाति   -  १०८.
२४.नम्मालवार कृत तिरुवाय मोलि--११०२



  



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