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Sunday, June 25, 2023

 हम हैं तमिलनाडु के प्रेमी ,

न हमें स्थाई आय हिंदी द्वारा।
हिंदी की दूकानों खोलते हैं,
इच्छुक ग्राहक हिंदी ज्ञान लेने आते हैं।।
ये दूकान विज्ञापन रहित सहित चलती हैं।
प्रचारकों की काबिलियत के मुताबिक
हिंदी ग्राहक आते हैं।
उनमें नौकरी की आशा नहीं,
हर एक को अपनी अपनी चाहें होती हैं।
उत्तर भारत की यात्रा के लिए कुछ लोग।
व्यापारिक व्यवहारिक चालू हिंदी
जानने कुछ लोग।
अनुवादक बनने कुछ लोग।
प्रचारक बनकर जेब खर्च कमाने कुछ लोग।
आन लयन हिंदी सिखाने कुछ लोग।
हिंदी की दूकानों छोटे मोटे व्यापारियों की तरह।।
सब को कुछ अतिरिक्त आय का मार्ग।
न राज्य सरकार का समर्थन ,
न केंद्र सरकार का समर्थन।
न राष्ट्रीय , प्रांतीय दलों का
मंचीय समर्थन।।
हिंदी की दुूकानें १००%
जनता के समर्थन से चलती हैं।
हिंदी की दुूकानें खोलने की
प्रेरणा गुजराती नेता के द्वारा,
राजाराम मोहन राय द्वारा
मोटूरी सत्यनारायण द्वारा
अहींदी भाषियों के द्वारा ज़ोर पकड़ी है।
स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक ,
सौहार्द सम्मान प्राप्त।

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