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Tuesday, June 6, 2023

असली आनंद

  नमस्ते वणक्कम।

 मानव जीवन में का 

असली आनंद

 तन पर

मन पर

धन पर

परिवार पर

मित्र मंडली पर

सुंदर रूप पर

सुंदरी पर

सुविचार पर

 भक्ति पर

 ज्ञान पर

त्याग पर 

भोग पर

मानव पर 

 मर्यादा पर

 कर्तव्य परायण पर,

 सुकर्म पर 

दुष्कर्म पर

 नशीली चीजों पर


 किस पर निर्भर  है?

पता नहीं,

मोह माया के आकर्षण 

भिन्न भिन्न।

नायक पर मुग्ध

खल नायक पर 

मानव के रूप भिन्न

विचार भिन्न

  स्वार्थी मानव।

 निस्वार्थ मानव

 चलता मानव 

 कोई लोभी 

कोई शांत

कोई संतुष्ट

कोई असंतुष्ट।

कोई स्वस्थ

कोई अस्वस्थ।

थोड़े में कहें तो

 मानव मानव में

 सुखानुभूति ही  अलग-अलग।।

दुखानुभूति अलग अलग।


स्वचिंतक, स्वरचनाकार, अनुवादक

एस. अनंतकृष्णन , चेन्नई।


 


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