केवल हिंदी कैसे?
केवल तमिल?
यह तो कोलै वेरी.
ओय दिस कोलै वेरी?
जब तक केवल तमिल या
केवल हिंदी जीविकोपार्जन का
आधार न बनेगी,
तब तक भारतीय भाषाओं का
एक मात्र प्रयोग कैसे संभव।
हिंदी प्रचार सभा का आजकल
प्रमुख आय अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल।।
पैंतालीस मिनट हिंदी,
बाकी सवा पाँच घंटे अंग्रेज़ी।
मैं स्नातकोत्तर
हिंदी अध्यापक था,
चार हजार की छात्र संख्या,
केवल १०० हिंदी छात्र।।
यही आ सेतु हिमाचल की दशा।
वह भी भारतीय आज़ादी के बाद।
मैं केवल हिंदी प्रचार में
भूखा प्यासा रहा।
अंग्रेज़ी माध्यम न तो
हिंदी ही नहीं तमिलनाडु में।।
दो हजार तमिल माध्यम स्कूल बंद।
एक गाँव में एक तमिल माध्यम बंद।
वहाँ पाँच अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल।
अंग्रेज़ी में लगाव नहीं,
आमदनी से लगाव।
भारतीय ब्राम्हण संस्कृत तजकर
अंग्रेज़ी के वकील डाक्टर बने।
आज़ादी के बाद उन्हीं का मंत्री मंडल।
अंग्रेज़ी माध्यम के छात्रों को
मातृभाषा कठिन लगती है।
ऐ,यूं,ही,शी, इट, दे --गेव।
Gave.
मैं ने दिया।नान कोडुत्तेन।
तुमने दिया। नई कोडुत्ताय।
उसने दिया। अवन कोडुत्तान।
अवळ कोडुत्ताळ।
अवर कोडुत्तार।
अवर्कळ कोडुत्तारकळ।
क्रिया का भूतकालिकक रूप।
Gave one word for all pronouns.
What a difficulty in Tamil.
मैं ने नहीं कहा! +२ के तमिल भाषी छात्र का कथन।
वह तीन साल की उम्र से अंग्रेज़ी माध्यम।
सरकार की नीति तमिल या हिंदी में तीस अंक। सी.बी.यस.सी स्कूल में।
बस शिक्षा नीति।
सोचिए।
मैं खुल्लमखुल्ला लिखता हूँ।
एस. अनंत कृष्णन।
स्वरचनाकार, स्वचिंतक,
मातृभाषा प्रेमी।
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