आनंद के क्षण
एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु
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दर्द,रुदन, चीख, चिल्लाहट
बाद में आनंद के क्षण।
हाँ, माँ की प्रसव वेदना,
शिशु बाहर आते
असह्य दर्द चीख।
शिशु का रुदन ।
रुदन सुनकर
माँ के चेहरे में मुस्कुराहट।
दादा दादी नाना नानी
सब के लिए
आनंद के क्षण।
मानव जीवन का शुभारंभ ही ऐसा।
पल पल में सुख।
पल-पल में दुख।
मानव जीवन में।
परीक्षा में उत्तीर्ण
अच्छे अंक आनंद के क्षण।
परीक्षा में उत्तीर्ण ,
कम अंक
आनंद और दुख मिला क्षण।
शासक दल में चुनाव
जीतना अति आनंद क्षण।
चुनाव जीतकर
पद न मिलना आनंद और
दुख के क्षण।
मानव जीवन में
आनंद के क्षण
प्रयत्न,परिश्रम के कारण।।
नौकरी मिली, आनंद के क्षण।
विदेश में नौकरी आनंद।
माता-पिता ,भाई बहन को
पत्नी बच्चे को बिछोह के क्षण।
यही मानव जीवन के
विरह मिलन के आनंद क्षण।
पूर्णानंद कैसे?कब?
अतः आनंद के क्षण ही अधिक।
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