Monday, June 30, 2025

आनंद

 आनंद के क्षण

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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दर्द,रुदन, चीख, चिल्लाहट

 बाद में आनंद के क्षण।

 हाँ, माँ की प्रसव वेदना,

 शिशु बाहर आते 

 असह्य दर्द चीख।

शिशु का रुदन ।

 रुदन सुनकर 

 माँ के चेहरे में मुस्कुराहट।

दादा दादी नाना नानी 

 सब के लिए 

 आनंद के क्षण।

 मानव जीवन का शुभारंभ ही ऐसा।

 पल पल में सुख।

 पल-पल में दुख।

  मानव जीवन में।

 परीक्षा में उत्तीर्ण 

 अच्छे अंक आनंद के क्षण।

 परीक्षा में उत्तीर्ण ,

 कम अंक

 आनंद और दुख मिला क्षण।

 शासक दल में चुनाव 

जीतना अति आनंद क्षण।

 चुनाव जीतकर 

पद न मिलना आनंद और

 दुख के क्षण।

  मानव जीवन में 

 आनंद के क्षण

 प्रयत्न,परिश्रम के कारण।।

 नौकरी मिली, आनंद के क्षण।

 विदेश में नौकरी आनंद।

 माता-पिता ,भाई बहन को

 पत्नी बच्चे को बिछोह के क्षण।

 यही मानव जीवन के

 विरह मिलन के आनंद क्षण।

 पूर्णानंद कैसे?कब?

अतः आनंद के क्षण ही अधिक।

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