Thursday, June 19, 2025

जग कल्याण

 जगत कल्याण 

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

20-6-25.

भारत ऐसा आध्यात्मिक देश है,

जिसने संसार को सिखाया 

 वसुधैव कुटुंबकम्।

 जय जगत।

 भारतीय धर्म  कहता है 

 सर्वे जना सुखिनो भवन्तु।

  एक विशेष ग्रंथ ही श्रेष्ठ है, बाकी ग्रंथों को जलाओ।

 यह भारतीय धर्म नहीं,

  हर कोई भगवान है,

 हर व्यक्ति में 

  विशेष शक्ति है ।

 विवेकानंद का चिकाको भाषण,

 भाइयों, बहनों,

 पाश्चात्य देशों के दिलको

झकझोर कर दिया।

  बुद्ध का प्रेम, अहिंसा, सत्य संदेश,

 महावीर का जिओ,और जीने दो,

 गाँधी जी का सत्याग्रह 

 नानक संदेश 

 रोज दिन से रात तक

जो करते हो,

 उसे  लिखकर पढो।

 पता चलेगा, 

 बुरा क्या किया।

 अपने आप सुधारों।

जगत कल्याण 

 इन्सानियत पर होगा।

मनुष्यता न तो मनुष्य पशु बराबर।

 काम क्रोध मंद लोभ तजना जगत कल्याण।

कबीर ने कहा

 कुरान पढ़ते हो

वेद पढ़ते हो,

 खुदा को न जाना पहचाना।

भेद बुद्धि राग-द्वेष 

 जगत कल्याण की बहुत बड़ी बाधा।

धर्म मार्ग अपनाना 

 जगत कल्याण के लिए 

 अति आवश्यक।

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

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