Thursday, September 12, 2024

बाल कविताएँ

 तितली चंचलसुंदर रंगीली

शीर्षक अति सुन्दर,

पर मानव सभ्य है,

संयमी है,जितेंद्र है।

मानव  की अपनी मर्यादा है।

चंचलता मानव की तरक्की में अति बाधक।निश्चल मन की प्रार्थना ईश्वर के दर्शन।

ईश्वर की सुन्दर सृष्टियों में

तितली का  आदी रूप

अति भद्दा अति असुंदर।

ऊपर गिरे तो खुजली।

हमारे आकर्षण अंतिम रूप।

हर फूल पर में चाहे फूल पर 

रस चूसना,कितना भाग्यशाली रूप।

उसकी कोई रोकता नहीं,उसके चंचल उड़ान ,स्वतंत्र  अपनी चाह की पूर्ति,फूलों का आनंद मकरंद मिलन, मानव को प्राप्त नहीं।

स्वरचित स्व चिन्तक अनंत कृष्णन , चेन्नई।

Wednesday, September 11, 2024

दुनिया सुखी है

 स्वार्थ  निस्वार्थ सेवा में 

 निस्वार्थ सेवक है

 बेचारा भला आदमी।

  न्याय   की मांग,

ईश्वर के भय से

 काम करनेवाले

 बेचारे भले आदमी 

  होटल में खाकर 

 बिल और इनाम देनेवाले 

  सच्चे सेवकों को दूर ही रखेंगे।

 धन जोड़ने से जवानी न रहेगी।

 बुढापा जवानी में न बदलेगा।

  निर्धन धनी होने पर सुखी,

 धनी निर्धन होने पर  दुखी।

  सेवालेने पर मेवा देना है,

  मुफ्त में काम करते समय

 जो प्रशंसा का पात्र बनतै हैं 

पैसे माँगने पर   दोषारोपण।

 यह दुनिया दुरंगी नहीं, बहुरंगी। 

 न्याय प्रिय के पक्ष में भी

 लोग ज्यादा है,  

अतः दुनिया सुखी है ।


एस.अनंतकृष्णन, 

तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

Friday, September 6, 2024

दुर्दशा

 मूल्यवान सुझाव  अंग्रेज़ी जैसे आय नौकरी । आजकल के युवक अंग्रेज़ी के कारण ही सुख सुविधा में।

 हिंदी संस्कृत के लेखक भूखा।

 एल के जी के लिए 5लाख ।

 किताबें 8हज़ार।

 देश भर में अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल गरीबों के लिए तमिल या भारतीय भाषा माध्यम।

 वह भी मुफ्त भोजन।

 निजी प्रैवेट स्कूल के अध्यापक का वेतन दो लाख सालाना।

 वह दो छात्रों के दान शुल्क।

 अध्यापक को एक दिन छुट्टी नहीं। एक दिन की छुट्टी  एक दिन का वेतन काट।

 सरकारी स्कूलों में अध्यापक को 

 अकस्मात छुट्टी, मेडिकल छुट्टी,  ‌कार्यालय काम।

 इतना ही नहीं, ट्रान्सफर होनेपर अवैतनिक छुट्टी।

 प्रधान अध्यापक की मांग के लिए विशेष पर्मिशन।

 जब तक नौकरी और आय की सुविधा नहीं तब तक देवनागरी लिपि और भारतीय भाषाओं की ओर छात्रों का आकर्षण करना असंभव है।

 हिंदी प्रोफेसर का बेटा हजारों में एक हिंदी अध्यापक।

 सब के सब अंग्रेज़ी माध्यम।

 बड़े बड़े संस्कृत विद्वान अंग्रेज़ी शासन काल में वकील, डाक्टर , सरकारी नौकरी के लिए 

 देव भाषा तजकर अंग्रेज़ी के पटु बन गये।

 धन न तो देव भाषा क्या देव भी धूल में।

  हजारों मंदिर तोड़े गये।। आज़ादी के बाद लाखों मस्जिद।

  एक पवित्र तीर्थ स्थान के आसपास मस्जिद गिरजा  घर।

 तमिल माध्यम स्कूल दो हज़ार बंद।

 आठ हज़ार अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल खोले हैं।

 संस्कृत मंत्र रोमन लिपि में।

 नागरी लिपि प्रोहित भी नहीं सीखता। यही वास्तविकता है।

  वास्तविकता यथार्थता यही है।

 बड़े कालेज में विश्वविद्यालय में स्कूलों में हजार शिक्षक है तो भारतीय भाषा प्राध्यापक  दस या बीस से ज़्यादा नहीं।

   अठहत्तर साल की आजादी की शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं को  कब्रिस्तान की ओर ले जा रही है।

 दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा चेन्नई और तिरुचि आय के लिए अंग्रेजी माध्यम सीबिएससी स्कूल।

 तमिल नाडु सरकार भी छात्र संख्या  बढ़ाने अंग्रेज़ी माध्यम के वर्ग सरकारी स्कूलों में खोलना चाहती है।

 जय अंग्रेज़ी।

अंग्रेज़ी प्रकाशक

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक। यथार्थवादी। बहुजन विरोधी।

 



तमिल सीखिए उत्तम पुरुष सर्वनाम।

 तमिल सीखिए उत्तम पुरुष सर्वनाम।

 भाग--2

हम  ---नांगळ्, नाम् 

 हमारा ---ऍंगळुडैय, नम्मुडैय।

  हमको --ऍंगळुक्कु,

 हम को दो। -ऍंगलुक्कु कोडु

 हमको --ऍंगळै 

 हमको बुलाओ।

 एँगळै कूप्पिडु।

 हमसे --एंगळिडमिरुंदु।


हमसे लो। एंगळिडमिरुंदु ऍडुत्तुक्कोळ्।


हमसे --ऍंगलाल्

हमसे यह काम किया गया ।

 एंगळाल् इंद वेलै चेय्यप्पट्टतु।


हमसे  ---एँगळैविड

 हमसे वह  वे बड़े हैं।

 एंगळै विड अवर् पेरियवर्।

 हमारे लिए --एंगळुक्काक

 हमारे लिए यह काम करो।

 एंगळुक्काक इंद वेलैयै चेय्।

हमारा ---एंगळुडैय 

 यह हमारा घर है।

 इदु एंगळुडैय वीडु।।

 यह हमारा देश है।

 इंदु नम्मुडैय नाडु।

 हममें --एंगळुक्कुळ्

हममें एकता है।

 नमक्कुळ् ऒट्रुमै उळ्ळतु।

 हमपर --नम्मेल्।

 हमपर विश्वास रखो।

 एंगळ् मेल् नंबिक्कै वै।

 सर्वनाम  हम ।

कल सर्वनाम -मध्यम पुरुष।

 नमस्ते। वणक्कम 

 धन्यवाद। -- नन्रि।

एस.अनंतकृष्णन्

Wednesday, September 4, 2024

चाँद की चिड़िया

: अंग्रेज़ी माध्यम की पढ़ाई।

 हिंदी अंक उत्तीर्ण होने 30%

 यह शिक्षा प्रणाली और अंग्रेज़ी प्रधान शिक्षा नीति।

 मातृभाषा हो या माता

 धन न तो अपरिहार्य।

 अनेक लाख भारतीय विदेश में।

 ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा में 

 की लाख।

 जीविकोपार्जन जिस भाषा की हैं, उसी की प्रगति।

 नेहरू गांधी पटेल इंदिरा राहुल सब अंग्रेज़ी के पटु।

 अब राहुल खान भारतीय या विदेशी नागरिक।

 मुकद्दमा चालू।

एस.अनंतकृष्णन।

 तमिऴ्‌ मेरी  प्यारी।

 तमिऴ् मेरी माँ,

‌तमिऴ मेरी जान

तमिलनाडु में 

‌तमिल माध्यम बंद।

  हिंदी तो दुश्मन।

 तमिऴ के बिना यहाँ स्नातकोत्तर तक।

 यही आजाद भारत की दुर्दशा।

 यही आ सेतू हिमाचल की स्थिति।

  एस एस. अनंतकृष्णन।

चेन्नई। चांदी की  चिड़िया 

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चांदी की चिड़िया 

 जीवन में  प्रकाश ही नहीं,

 प्रेरणा प्रोत्साहन का मूल।

 भले ही सेवा भाव हो,

घर में चूल्हा नहीं जलता।

 जठराग्नि  न बुझता।

ईश्वर के मंदिर में निकट दर्शन

 चुनाव लडने प्रमुख दल के उम्मीदवार बनने,

 उच्च शिक्षा पाने

 अभियंता डाक्टर बनने,

 बुढ़ापे में रिश्तेदारी निभाने

  अड़ोस पड़ोस का सम्मान पाने 

 चाहिए चाँदी की चिड़िया।

 श्मशान की अंतिम क्रिया 

 हरिश्चंद्र के जमाने से आज तक

 सरकार के शुल्क।

 कदम कदम पर प्रगति के लिए 

 चांदी की चिड़िया आधार।

 अंत तक चाँदी की चिड़िया  आदर।

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

Tuesday, September 3, 2024

तमिल सर्वनाम उत्तम पुरुष मैं सीखिए

 नमस्ते वणक्कम्।

 मैं भारत और भारतीय भाषाओं के भक्त, आचार्य विनोबा भावे का अनुयायी,   भगवान ने मातृभाषा तेलुगू बनायी।

 पर तमिलनाडु में हजारों सालों से जी रहे हैं, अतः तमिऴ भाषा ही मातृभाषा बन गयी। तमिलनाडु मातृ प्रांत।

 हिंदी बन गयी जीविकोपार्जन की भाषा।

अतः जीविकोपार्जन की भाषा के द्वारा मातृभाषा बनी तमिऴ भाषा सिखाना ईश्वरीय देन है।

 वह भी नागरी लिपि द्वारा जिससे आचार्य विनोबा भावे, भूदान यज्ञ के साधक , देश भर पैदल चलकर हिंदी की गूँज के प्रवर्तक की आत्मा को शांति मिलेगी, 

 यही  श्रद्धांजलि होगी।

भाग ---1.


 तमिल सर्वनाम और रूपांतर सीखिए:---


---उत्तम पुरुष 

मैं --नान्

 मेरा,मेरे मेरी --ऍन्नुडैय।

मुझे --ऍनक्कु, ऍन्नै।

से  के अनेक अर्थों के अलग अलग विभक्ति चिह्न है।

 से --आल् 

 मुझसे --एन्नाल

  से -इडमिरुंदु।

 मुझसे --ऍन्निडमिरुंदु।

 से --विड

 राम से बड़ा है --रामनैविड पेरियवन्।

 से by आल 

 राम से रावण मारा गया।== रामनाल् रावणन् कोल्लप्पट्टान।

से --इरुंदु 

  खड़ी बोली से    हिंदी बन गई।

 को  , के लिए ---क्कु ,आक,  

 रामको रुपये दो। --रामनुक्कु रूपाय कॊडु।

 अध्यापक के लिए चाय लाओ --

 आसिऱियरुक्काक तेनीर् कोंडुवा।

 में --इल 

घर में --वीट्टिल्

 जेब में --जेप्पियिल

 पर --मेल,

 मेज पर -मेजैयिन मेल।

 दीवार पर -चुवट्रिन मेल।

हे,अरे

 हे राम,--ஹே ராம்.

 अरे राम --अडे राम।

   कल उत्तम पुरुष  "हम".

 धन्यवाद --नन्रि।

 नमस्ते --वणक्कम्


   पऴनि एस. अनंत कृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी

 प्रचारक। सौहार्द सम्मान प्राप्त हिंदी प्रेमी सेवी।

Thursday, August 29, 2024

नर नारी

 नर नारी 

 अलग अलग गुण।

 ईश्वर की सृष्टि।

 नारी के अपने गुण,

 शारीरिक भेद।

 जितनी भी शक्ति शालिनी हो,

 संतान उत्पन्न करने की शक्ति 

 नारी को दुर्बल ही बना देगी।

  नारी की कोमलता,

   संतान के प्रति प्रेम 

   परवरिश में उनका ध्यान,

   शिक्षित नारी छत्रपति शिवाजी       महाराज की देन है।

  भगवान की सृष्टियों में 

  मोर , सिंह,हिरण , बैल, मेंढक सब  मादा को  आकर्षित करने 

  नाचते हैं,   पर नर मात्र

 नारी के पीछे कुत्तों के समान।

 एक राजकुमारी के लिए युद्ध।

 वीर जवानों की पत्नियाँ विधवाएँ।

 बच्चे अनाथ।

 नारी के लिए नर क्या नहीं है करता।

 रावण ने अपनी मर्यादा।

   नर -नारी में विषकन्या है।

  विष कुमार नहीं।

 पंत का कहना है

 यदि स्वर्ग है तो नारी के उर के भीतर।

 यदि नरक है तो नारी के ही उर के भीतर।

 इंद्र भले ही देवराज।

 पर नारी विषय में अति अपमानित।

  सहज शक्ति नारी में।

 जगत जननी नारी।

 मातृभूमि है,

 मातृभाषा है।

 पर राष्ट्रपति,

 न राष्ट्रपत्नी।

 लखपति भले ही लक्ष्मी कृपा।

 पर लखपति, करोड़पति।

 समानता सबल होने पर भी

 भगवान की सृष्टि गर्भाधारण नारी को सबला नहीं, अबला ही बना देती।

 वीरांगना की आदर है,

 वारांगना को?

 यही नारी की कमज़ोरी।