नमस्ते वणक्कम्।
मैं भारत और भारतीय भाषाओं के भक्त, आचार्य विनोबा भावे का अनुयायी, भगवान ने मातृभाषा तेलुगू बनायी।
पर तमिलनाडु में हजारों सालों से जी रहे हैं, अतः तमिऴ भाषा ही मातृभाषा बन गयी। तमिलनाडु मातृ प्रांत।
हिंदी बन गयी जीविकोपार्जन की भाषा।
अतः जीविकोपार्जन की भाषा के द्वारा मातृभाषा बनी तमिऴ भाषा सिखाना ईश्वरीय देन है।
वह भी नागरी लिपि द्वारा जिससे आचार्य विनोबा भावे, भूदान यज्ञ के साधक , देश भर पैदल चलकर हिंदी की गूँज के प्रवर्तक की आत्मा को शांति मिलेगी,
यही श्रद्धांजलि होगी।
भाग ---1.
तमिल सर्वनाम और रूपांतर सीखिए:---
---उत्तम पुरुष
मैं --नान्
मेरा,मेरे मेरी --ऍन्नुडैय।
मुझे --ऍनक्कु, ऍन्नै।
से के अनेक अर्थों के अलग अलग विभक्ति चिह्न है।
से --आल्
मुझसे --एन्नाल
से -इडमिरुंदु।
मुझसे --ऍन्निडमिरुंदु।
से --विड
राम से बड़ा है --रामनैविड पेरियवन्।
से by आल
राम से रावण मारा गया।== रामनाल् रावणन् कोल्लप्पट्टान।
से --इरुंदु
खड़ी बोली से हिंदी बन गई।
को , के लिए ---क्कु ,आक,
रामको रुपये दो। --रामनुक्कु रूपाय कॊडु।
अध्यापक के लिए चाय लाओ --
आसिऱियरुक्काक तेनीर् कोंडुवा।
में --इल
घर में --वीट्टिल्
जेब में --जेप्पियिल
पर --मेल,
मेज पर -मेजैयिन मेल।
दीवार पर -चुवट्रिन मेल।
हे,अरे
हे राम,--ஹே ராம்.
अरे राम --अडे राम।
कल उत्तम पुरुष "हम".
धन्यवाद --नन्रि।
नमस्ते --वणक्कम्
पऴनि एस. अनंत कृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी
प्रचारक। सौहार्द सम्मान प्राप्त हिंदी प्रेमी सेवी।
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