नमस्ते। वणक्कम।
विषय प्रीत। है कू।
नियम का अवलोकन अवश्य।
पालन करना भारत में?
यथा राजा तथा प्रजा।।
पैसे लेते
मत देते
भ्रष्टाचार सह लेते।।
पैसे मिलें
प्रीत।
प्रीत देश से,
५०%मत न देते।
प्रीत
लड़की से
जाति संप्रदाय मजहब
बाधक।।
प्रीत ईश्वर से
मजहबी भेद।
प्रकृति से?
मौसमी भेद।।
आसक्त रहूं?
अनासक्त?
नश्वर जगत में,
प्रीत कैसे अनश्वर।।
नंगे बदन से जन्म,
कफ़न ओढ़ ये कोई।।
प्रीत के लाभ
अस्थाई।।
स्वर्ग
नरक को
किसीने देखा नहीं।
प्रीत?
प्रश्न चिन्ह्?
शब्द प्रतीत मनमोहक।
अतःलोग पागल।
प्रतीत स्वार्थ।
तंग गली।
तीसरे को स्थान नहीं।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।
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