Thursday, September 12, 2024

भगवान एक

भगवान एक 

किंवदंतियाँ  अनेक।

नहीं  सत्य,नहीं  ईश्वर  

नहीं  सच्चे नही अच्छे कहना 

बडी मूर्खता है ।

जग अच्छा, जग स्वर्ग, 

जगन्नाथ  अति श्रेष्ठ ।

मानव बुद्धि 

 जब सांसारिक  होता है, 

तब दुख ही दुख मान।

स्वार्थ  ज्ञान मजहबी 

तोड़ता मानव मन।

मानसिक द्वंद्व 

कट्टर मजहबी

असंतोष अशांत,अहिंसात्मक 

हिंसात्मक  ,आदमखोर पशु तुल्य मन।

 इसीलिए  संसार में है संकट।

स्वरचित

 स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं

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