Saturday, June 28, 2025

समय

 समय की धारा 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

29-6-25.

…......

समय की धारा 

 रुकती नहीं,

 पानी की धारा 

 चट्टानों से टकराती है,पर

 समय की धारा चलती रहती है।

विचारों की धारा तो

 सुंदरता देख 

 किसी की परवाह नहीं करती।

 तेज हवा भी  ऊँची पहाड़ी में ज़रा कम होती,

पर समय की धारा 

 अबाध गती से

 पल पल चलती रहती।

समय की धारा रोककर 

कोई काम नहीं कर सकता।

पानी की धारा बाँध से रुकती।

 समय की धारा  का  बाँध बनाना असंभव।

बचपन चला, लड़कपन चला, जवानी चली।

 बुढापा आया।

पैसे हैं इलाज से तपस्या से

मेरा बचपन न वापस।

 जवानी न वापस 

 समय की धारा 

 किसी की न सुनती।

पैसे का बरबाद फिर कमाया।

 समय का बरबाद बरबाद ही।

 समय की धारा रोकी नहीं जाती।

समय के बरबाद से

पछताना ही बचता।

Friday, June 27, 2025

सत्य

 सत्य की पुकार।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 28-6-25.

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सत्य की पुकार सुनी,

 पीछा किया 

‌आज भी केवल 

उनका नाम सत्यवादी के रूप में लिया जाता है।

 हरिश्चन्द्र  की कहानी 

 पता नहीं सत्य के पालने के लिए  या

 सत्य से मुख मोड़ने के लिए।

 शब्द में जादू करके

 कृष्ण ने द्रोणाचार्य को 

 निहत्था बना दिया।

 धर्म क्षेत्रे, गुरु क्षेत्रे 

 कहते हैं 

 युद्ध  में अधर्म चला।

 जीतकर भी पांडव दुखी।

आजकल के चित्र पटों में 

 सत्यप्रिय अधिकारी सपरिवार मारे जाते हैं।

सत्यवानों को 

डराने के लिए।

 युवकों को डराने के लिए 

चित्रपट में इंस्पेक्टर अमीरों से लाखों लेकर

 निरपराधी को मारते हैं।।

मंत्री भी खलनायक को

 बचाने में ‌

सत्यमेव जयते सही।

सत्य की पुकार कौन सुनेगा।

सचमुच मैं सत्यवादी हूं।

अकेला हूँ।

सत्य की पुकार सुनकर 

 कोई चुनाव नहीं लडता।

वोट के लिए नोट।

 काले धन का भरमार खर्च।

 चुनाव आयोग मौन?

 सत्य की पुकार कौन सुनता।

 पर सत्य की पुकार का अपना महत्व है।

सत्य का हार असहनीय है।

सबके दिलों में चुभता है।

अतः सब सत्य की पुकार मानकर  सत्यमेव जयते 

का नारा लगाते हैं।

Thursday, June 26, 2025

सुख की खोज

 खुशियों की तलाश।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

27-6-25.

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शिशु का जन्म,

रोते हुए होता है,

 रोना भी पेट भरकर

भूख शांत करके 

  हँसने के लिए।

आदमी आनंद मनाने के लिए  धन की तलाश में।

अमीर पति और सुंदर पत्नी की तलाश में।

 मानव शरीर और

 जीने का संसार नश्वर।

 मानव सद्यःफल की खुशी के लिए,

लौकिक सुखों के 

 पीछे पड़कर दुख 

झेलता रहता है।

 दुख अधिक होने पर

खुशियों की तलाश में 

ज्योतिष की तलाश में,

तीर्थ यात्रा में,

ध्यान में 

आध्यात्मिक मार्ग पर

 खुशियों की तलाश में।

 ऐसे लोगों का स्वास्थ्य 

 अच्छा लगता है।

 कुछ लोग लौकिक वासनाओं के पीछे 

 पड़कर दुख को सुख मानकर   मधुशाला 

 माधुशाला में  ,

 माधुशाला के सुख को  

असली सुख मानकर

 खुशी खोज लेते हैं।

धूम्रपान में, नशीली  तंबाकू  में 

खुशियाँ खोज लेते हैं,

वही    दुख के रोग के कारण न समझते।

  चित्रपट के निर्माता निर्देशक 

 धन के लोभ में 

 युवकों के संयम बिगाड़कर 

 खुशी खोज लेते हैं।

भ्रष्टाचारी 

 राजनैतिक लोग,

 ठेकेदार  मनमाना लूटकर 

 खुशी की तलाश

    करते हैं।

 जो हो धनी हो या गरीब 





   



  

 

 

 



 

 





 


 




खुशियों की तलाश में।

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई 

27-6-25.

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मानव जीवन सुख दुख की आँख मिचौनी 

 खेल समान।

 मानव खुशी की खोज में 

 दो मार्गों में चलते हैं,

 एक लौकिक दूसरा अलौकिक।।

 लौकिक माया मार्ग के

 अस्थाई सुख को

 स्थाई मानकर

 वासनाओं में फँसकर तड़पता रहता है।

 मधुशाला और माधुशाला का दास बन जाता है।

 नशीली चीजोंके सेवन कर सुध-बुध खो बैठता है,

 दुख को सुख 

मानकर जीता है।

 दुख में खुशी खोज

 लेता है।

 अलौकिक मार्ग पर

 आत्मसंतोष आत्मानंद  के चाहक 

ज्योतिष के चरण लेते हैं,

 प्रायश्चित करते हैं,

फिर भी दुखी रहते हैं।

 कुछ लोग आचार्य के आश्रम में चरण लेते हैं।

 कुछ लोग तीर्थयात्रा 

 करते हैं,

 मंदिर मंदिर में 

 खुशी की खोज में 

  फिरते हैं।

  कुछ लोग ध्यान तपस्या में लग जाते हैं।

आदमी अपनी अपनी खुशियाँ खोज ही लेता है।

 लौकिक हो या लौकिक 

 अंत में कफ़न ही बचता है।







  



 






 




 

 










 






Tuesday, June 24, 2025

मानव का बल

 जीवन का आधार 

 एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई

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 हम जीवन का आधार 

 नश्वर शरीर और संसार मानते हैं।

 लौकिक सुखों में आनंद मनाते हैं।

 जीवन में सुख दुख

 बदल बदलकर आते हैं।

 जीवन का आधार 

वास्तव में स्वयं को समझना है।

 आत्मबोध आत्मविश्वास 

 आत्मज्ञान प्राप्त करना है।

मनको काबू में रखना,

 आत्मा में मन को विलीन करना है।

 आत्मा परमात्मा एक समझना है।

 जीवन  में  तटस्थ रहना है।

भेद भाव राग-द्वेष  दूर करना है।

 दृढ़ विश्वास करना है कि

 सबहीं नचावत राम गोसाईं।।

  ईश्वर की कृपा प्राप्त करनी है,

कबीर का दोहा सदा याद रखनी है।

 जाको राखे साइयां मारी न सकै कोय।

 बाल न बांका करि सकै जो जग वैरी होय।।

  


 




Saturday, June 21, 2025

स्वार्थता

 स्वार्थ की दीवार 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।

22-6-25.

स्वार्थ की दीवार 

देश द्रोही बनाती।

 पुरुषोत्तम का भाई

 आंभी ने सिकंदर का साथ दिया।

 स्वार्थ की दीवार 

 सद्यःफल के लिए 

 अंग्रेज़ी  सीखी।

भारतीय वीर अंग्रेज़ी के सिपाही बने,


 संस्कृत के विद्वान 

 अंग्रेज़ी के पारंगत बने।

अपनी पोशाकें अपनी चोटी

 अपने आचार विचार तक बदल दिया।

अंग्रेज़ी स्कूलों की आमदनी ने

सद्यःफल की नौकरी ने

मातृ भाषा माध्यम स्कूलों को अपमानित माना।

स्वार्थता ने नोट लेकर

 भ्रष्टाचारियों को

 सांसद और विधायक 

 बना रहा है।

चित्रपट बदमाशों की शक्ति दिखाकर

 शुरुआत में न्याय अधिकारी,

 न्याधिपति को कत्ल करके

  धन के बल पर 

 अत्याचार,

 अंतराल तक बदमाश,

 वही सुधरकर 

 न्याय की रक्षा करता।

 न पुलिस,न न्यायाधीश।

बदमाश रक्षक बनता।

 स्वार्थी चित्रपट के निर्माता 

 अश्लीलता दिखाकर 

 धन कमाता।

 स्वार्थ की दीवार 

 रिश्वतखोरों को साथ देता।

झीलों को इमारतें बनाने

 नदारद कर देता।

जंगलों को नगर बनाता।

 हरियाली को नष्ट कर नगर विस्तार करता।

 खेती की भूमि में 

 इमारत ही इमारत।


 स्वार्थ राजनैतिक

 सद्यःफल के लिए 

 कच्ची सड़कें बनानेवाले 

 ठेकेदारों को ठेका देते।

 स्वार्थता मानव को कंजूसी बनाता।

महाभारत का घोर पाप युद्ध स्वार्थ के कारण ही।

  स्वार्थ की दीवार 

 अंधा होता।

   इतनी बड़ी दीवार बनाता,

नाते रिश्ते दोस्तों को दूर ही रखता।

 स्वार्थता स्वार्थी को 

 दुख ही देता,

 सुख नहीं।

 स्वार्थ अपनी कला को

 दूसरों को नहीं सिखाता।

 परिणाम भारतीय आदर्श

 हस्त कलाएँ  बर्बाद।

भारतीय चिकित्सा पद्धति नदारद।

Friday, June 20, 2025

योग दिवस

 योग दिवस

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।

21-6-25.


भारत विश्व का ज्ञान गुरु,

 आध्यात्मिक गुरु,

 वैज्ञानिक ज्ञान को 

 ईश्वरीय ज्ञान  मानता ।

 ऐसे ज्ञान में योग अमूल्य देन।

 हज़ारों साल पुराना योग

 आज  अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य को प्रमुखता देकर मनाया जाता है।

  योग शारीरिक, मानसिक  शक्ति के लिए।

योग मन की एकाग्रता के लिए।

 योग आत्मविश्वास के लिए।

 योग आत्मबोध के लिए।

 योग आत्मज्ञान के लिए।

 योग शांतिप्रद, संतोष प्रद जीवन के लिए।

 मन की चंचलता मिटाने के लिए।

 माननीय प्रधानमंत्री  श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयत्न से विश्व योग दिवस ।

 मजहब धर्म विचार से परे

‍ विश्व हित के लिए,

 जगत कल्याण के लिए।


 योग दिवस।

   भारतीय ज्ञान दर्शन में 

   योग विज्ञान  संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए।

 आध्यात्मिकता   प्रधान,

 योग  आजकल 

 शारीरिक शक्ति के लिए।

 मानसिक तनाव दूर करने के लिए।

 जय जगत को सार्थक बनाने के लिए 

 योग दिवस ।

दशा की शिथिलता के लिए,

  अनेक रोगों से बचने के लिए।

 नीरोग जीवन के लिए।

 योग एक अपूर्व कला है।




 

Thursday, June 19, 2025

जग कल्याण

 जगत कल्याण 

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

20-6-25.

भारत ऐसा आध्यात्मिक देश है,

जिसने संसार को सिखाया 

 वसुधैव कुटुंबकम्।

 जय जगत।

 भारतीय धर्म  कहता है 

 सर्वे जना सुखिनो भवन्तु।

  एक विशेष ग्रंथ ही श्रेष्ठ है, बाकी ग्रंथों को जलाओ।

 यह भारतीय धर्म नहीं,

  हर कोई भगवान है,

 हर व्यक्ति में 

  विशेष शक्ति है ।

 विवेकानंद का चिकाको भाषण,

 भाइयों, बहनों,

 पाश्चात्य देशों के दिलको

झकझोर कर दिया।

  बुद्ध का प्रेम, अहिंसा, सत्य संदेश,

 महावीर का जिओ,और जीने दो,

 गाँधी जी का सत्याग्रह 

 नानक संदेश 

 रोज दिन से रात तक

जो करते हो,

 उसे  लिखकर पढो।

 पता चलेगा, 

 बुरा क्या किया।

 अपने आप सुधारों।

जगत कल्याण 

 इन्सानियत पर होगा।

मनुष्यता न तो मनुष्य पशु बराबर।

 काम क्रोध मंद लोभ तजना जगत कल्याण।

कबीर ने कहा

 कुरान पढ़ते हो

वेद पढ़ते हो,

 खुदा को न जाना पहचाना।

भेद बुद्धि राग-द्वेष 

 जगत कल्याण की बहुत बड़ी बाधा।

धर्म मार्ग अपनाना 

 जगत कल्याण के लिए 

 अति आवश्यक।

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।