Saturday, June 21, 2025

स्वार्थता

 स्वार्थ की दीवार 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।

22-6-25.

स्वार्थ की दीवार 

देश द्रोही बनाती।

 पुरुषोत्तम का भाई

 आंभी ने सिकंदर का साथ दिया।

 स्वार्थ की दीवार 

 सद्यःफल के लिए 

 अंग्रेज़ी  सीखी।

भारतीय वीर अंग्रेज़ी के सिपाही बने,


 संस्कृत के विद्वान 

 अंग्रेज़ी के पारंगत बने।

अपनी पोशाकें अपनी चोटी

 अपने आचार विचार तक बदल दिया।

अंग्रेज़ी स्कूलों की आमदनी ने

सद्यःफल की नौकरी ने

मातृ भाषा माध्यम स्कूलों को अपमानित माना।

स्वार्थता ने नोट लेकर

 भ्रष्टाचारियों को

 सांसद और विधायक 

 बना रहा है।

चित्रपट बदमाशों की शक्ति दिखाकर

 शुरुआत में न्याय अधिकारी,

 न्याधिपति को कत्ल करके

  धन के बल पर 

 अत्याचार,

 अंतराल तक बदमाश,

 वही सुधरकर 

 न्याय की रक्षा करता।

 न पुलिस,न न्यायाधीश।

बदमाश रक्षक बनता।

 स्वार्थी चित्रपट के निर्माता 

 अश्लीलता दिखाकर 

 धन कमाता।

 स्वार्थ की दीवार 

 रिश्वतखोरों को साथ देता।

झीलों को इमारतें बनाने

 नदारद कर देता।

जंगलों को नगर बनाता।

 हरियाली को नष्ट कर नगर विस्तार करता।

 खेती की भूमि में 

 इमारत ही इमारत।


 स्वार्थ राजनैतिक

 सद्यःफल के लिए 

 कच्ची सड़कें बनानेवाले 

 ठेकेदारों को ठेका देते।

 स्वार्थता मानव को कंजूसी बनाता।

महाभारत का घोर पाप युद्ध स्वार्थ के कारण ही।

  स्वार्थ की दीवार 

 अंधा होता।

   इतनी बड़ी दीवार बनाता,

नाते रिश्ते दोस्तों को दूर ही रखता।

 स्वार्थता स्वार्थी को 

 दुख ही देता,

 सुख नहीं।

 स्वार्थ अपनी कला को

 दूसरों को नहीं सिखाता।

 परिणाम भारतीय आदर्श

 हस्त कलाएँ  बर्बाद।

भारतीय चिकित्सा पद्धति नदारद।

Friday, June 20, 2025

योग दिवस

 योग दिवस

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।

21-6-25.


भारत विश्व का ज्ञान गुरु,

 आध्यात्मिक गुरु,

 वैज्ञानिक ज्ञान को 

 ईश्वरीय ज्ञान  मानता ।

 ऐसे ज्ञान में योग अमूल्य देन।

 हज़ारों साल पुराना योग

 आज  अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य को प्रमुखता देकर मनाया जाता है।

  योग शारीरिक, मानसिक  शक्ति के लिए।

योग मन की एकाग्रता के लिए।

 योग आत्मविश्वास के लिए।

 योग आत्मबोध के लिए।

 योग आत्मज्ञान के लिए।

 योग शांतिप्रद, संतोष प्रद जीवन के लिए।

 मन की चंचलता मिटाने के लिए।

 माननीय प्रधानमंत्री  श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयत्न से विश्व योग दिवस ।

 मजहब धर्म विचार से परे

‍ विश्व हित के लिए,

 जगत कल्याण के लिए।


 योग दिवस।

   भारतीय ज्ञान दर्शन में 

   योग विज्ञान  संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए।

 आध्यात्मिकता   प्रधान,

 योग  आजकल 

 शारीरिक शक्ति के लिए।

 मानसिक तनाव दूर करने के लिए।

 जय जगत को सार्थक बनाने के लिए 

 योग दिवस ।

दशा की शिथिलता के लिए,

  अनेक रोगों से बचने के लिए।

 नीरोग जीवन के लिए।

 योग एक अपूर्व कला है।




 

Thursday, June 19, 2025

जग कल्याण

 जगत कल्याण 

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

20-6-25.

भारत ऐसा आध्यात्मिक देश है,

जिसने संसार को सिखाया 

 वसुधैव कुटुंबकम्।

 जय जगत।

 भारतीय धर्म  कहता है 

 सर्वे जना सुखिनो भवन्तु।

  एक विशेष ग्रंथ ही श्रेष्ठ है, बाकी ग्रंथों को जलाओ।

 यह भारतीय धर्म नहीं,

  हर कोई भगवान है,

 हर व्यक्ति में 

  विशेष शक्ति है ।

 विवेकानंद का चिकाको भाषण,

 भाइयों, बहनों,

 पाश्चात्य देशों के दिलको

झकझोर कर दिया।

  बुद्ध का प्रेम, अहिंसा, सत्य संदेश,

 महावीर का जिओ,और जीने दो,

 गाँधी जी का सत्याग्रह 

 नानक संदेश 

 रोज दिन से रात तक

जो करते हो,

 उसे  लिखकर पढो।

 पता चलेगा, 

 बुरा क्या किया।

 अपने आप सुधारों।

जगत कल्याण 

 इन्सानियत पर होगा।

मनुष्यता न तो मनुष्य पशु बराबर।

 काम क्रोध मंद लोभ तजना जगत कल्याण।

कबीर ने कहा

 कुरान पढ़ते हो

वेद पढ़ते हो,

 खुदा को न जाना पहचाना।

भेद बुद्धि राग-द्वेष 

 जगत कल्याण की बहुत बड़ी बाधा।

धर्म मार्ग अपनाना 

 जगत कल्याण के लिए 

 अति आवश्यक।

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

उल्लास यात्रा

 पिकनिक/ वन महोत्सव वन भोज।

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई 

19-6-25.

मानव मन में 

 प्राकृतिक शोभा

 अति आनंद प्रद और संतोषप्रद।

 अपने नगरीय जीवन  से

ऊबकर समुद्र तट पर,

 जलप्रपात  में 

घने जंगल के छायादार में 

 एक दल के साथ जाना,

  जल प्रपात में नहाना,

समुद्र तट पर घूमना,

 वन में ऊंचे छायादार पेड़,

रंग-बिरंगे फूल,  पक्षी,

 हिरनों का चौकड़ी भरना,

 कितना मनोरम्य स्थान।

यह उल्लास यात्रा,

 घर से बनाये खुराक व्यंजन,

 विविध दोस्तों के घर से

 बनाये विविध पकवान।

 नागरीय जीवन से प्रदूषण से बचकर आनंद जीवन।

 स्वस्थ जीवन 

 वास्तव में पिकनिक में 

प्राकृतिक विश्रांति।

 एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु

Wednesday, June 18, 2025

संस्कृत पढ़कर धंधा करनेवाले ही आय के लिए ठगते हैं। आय जो है मानव बुद्धि को भ्रष्ट करती है। सद्यःफल के कारण ठगना न्याय सिद्ध हो जाता है। जैसे नोट देकर ओट पाते हैं। भ्रष्टाचारी फिर सांसद विधायक बनता है। वह राजशासन है तो यह धर्म शासान हैं। दक्षिण कला उत्तर कला के नाम से ऐयंकार बीच सड़क पर तू तू मैं मैं करते हैं। अदालत में मुकदमा लड़ते हैं। शिवा भक्त अपने अपने अलग संप्रदाय से मानव मानव में भेद। दीक्षा देने कम से कम दस हज़ार लेते हैं। वैसे ही विष्णु भक्त, राघवेन्द्र भक्त तिलक बदलकर अपनी विशिष्टता दिखाते हैं। तिलक बड़ा या ईश्वरत्व बड़ा

 संस्कृत पढ़कर धंधा करनेवाले ही आय के लिए ठगते हैं।

 आय जो है मानव बुद्धि को भ्रष्ट करती है।  सद्यःफल के कारण 

 ठगना न्याय सिद्ध हो जाता है। जैसे नोट देकर ओट पाते हैं। भ्रष्टाचारी  फिर सांसद विधायक बनता है। वह राजशासन है तो यह धर्म शासान हैं।

 दक्षिण कला उत्तर कला के नाम से ऐयंकार बीच सड़क पर तू तू मैं मैं करते हैं। अदालत में मुकदमा लड़ते हैं।

शिवा भक्त अपने अपने अलग संप्रदाय से मानव मानव में भेद। दीक्षा देने कम से कम दस हज़ार लेते हैं।

वैसे ही विष्णु भक्त,

 राघवेन्द्र भक्त तिलक बदलकर अपनी विशिष्टता दिखाते हैं।

 तिलक बड़ा या ईश्वरत्व बड़ा पता नहीं।

Tuesday, June 17, 2025

आत्मा परमात्मा

 आत्मविश्वास 

18-6-25.


एस . अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।


विधा --अपनी हिंदी 

          अपने विचार। अपनी पूर्ण स्वतंत्र शैली भावाभिव्यक्ति 

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 नश्वर शरीर में 

 अनश्वर आत्मा।

परमात्मा का वास।

 भगवान  का अंश

 माया  शक्ति और मन

 दिव्य शक्ति पर 

डालता पर्दा।

मन माया के चक्कर में 

 विषय वासना में फँस जाता।

परिणाम दुख ही दुख झेलता।

 बाद में आत्मा परमात्मा का स्मरण आता।

 तभी आत्मज्ञान

 पुण्य पूर्व जन्म के कारण जागता।

  मोहनदास करमचंद गांधी लिखते हैं,

 मेरे बुरे व्यसनों से 

 मुक्ति ईश्वर से मिली।

 तब मन आत्मा में विलीन होता।

 आत्मा सत्य असत्य ,

 पाप पुण्य के भेद जानती।

 आत्मा, अपने बल को पहचान जाता।

अपने बोध ही ईश्वरीय अखंड बोध।

 आत्मज्ञान से आत्मविश्वास बढ़ जाता।

 नर नहीं, परमात्मा शक्ति तुझ में,

 दधिची का स्मरण दिलाता।

 निराशा आशा में बदलता।

 विचार तरंगें तम जाता।

 परिणाम आत्म विश्वास,

 दृढ़ निश्चय असंभव को संभव बना लेता।

 अपने को पहचानना ही

 आत्मविश्वास का पहला सोपान।

 वह भी ईश्वरीय देन।

 आत्मविश्वास मनुष्य को

 आत्मोन्नति के शिखर पर ले जाता।

  एस.अनंतकृष्णन।

18-6-25.



 




Saturday, June 14, 2025

आत्मनियंत्रण

 S.Anandakrishnan

एस. अनंत कृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक का नमस्कार वणक्कम्।

 15-6-25.

शीर्षक --आत्मनियंत्रण।

 विधा --अपनी हिंदी 

          अपने विचार 

      

अपनी स्वतंत्र शैली         भावाभिव्यक्ति 

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आत्मनियंत्रण आसान नहीं,

 समाज के डर से

 कानून के डर से

 नियम पालन में 

 आत्म नियंत्रण।।

शरीर और जगत मिथ्या।

माया इस पर प्रकाश डालती।

माया हटाने आत्मज्ञान।

 सत्य असत्य न्याय अन्याय का पहचान।

 सुंदरता के पीछे मन।

 वासनाओं के पीछे मन।

सद्यःफल के पीछे मन।

 मन का नियंत्रण,

 मनका नाश

 वही  आत्म नियंत्रण।।

जितेंद्रता भी आत्मनियंत्रण।

आत्मनियंत्रण न तो

 अनुशासन की कमी।

 काम, क्रोध,मंद, लोभ का तेज।

परिणाम चरित्र निर्माण में बाधा।

आदर्श नाम के लिए 

 आत्मनियंत्रण की आवश्यकता।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।