Thursday, May 24, 2012

नागरिक ++++

    एक  देश  के  नागरिकों को ही अपने देश  के  नागरिकों को
    सभी तरह से ऊंचा उठाने   की  जिम्मेदारी  है।
  लज्जाशीलता के बाद  सुनागरिक   बनाना
  प्रमुख  कर्तव्य  हो  जाता है।
  एक गुरु ही मिट्टी जैसे एक छात्र को
   अपने जैसे दूसरा गुरु   बनाने  में समर्थ  होता  है।
 इसी सेवा को वल्लुवर भी अपने कुशल सीख के द्वारा 
सुनागरिक बना रहे हैं।
 एक नागरिक बनने   -बनाने अपनी नागारिकता का ज्ञान जरूरी हैं।
तिरुवल्लुवर ज्ञान के सभी   विषयों  के ज्ञाता होने से नागरिकता के आवश्यक तत्व्  भी जानते हैं।

    एक  देश  के  नागरिकों को ही अपने देश  के  नागरिकों को
    सभी तरह से ऊंचा उठाने   की  जिम्मेदारी  है।
  लज्जाशीलता के बाद  सुनागरिक   बनाना
  प्रमुख  कर्तव्य  हो  जाता है।
  एक गुरु ही मिट्टी जैसे एक छात्र को
   अपने जैसे दूसरा गुरु   बनाने  में समर्थ  होता  है।
 इसी सेवा को वल्लुवर भी अपने कुशल सीख के द्वारा
सुनागरिक बना रहे हैं।
 एक नागरिक बनने   -बनाने अपनी नागारिकता का ज्ञान जरूरी हैं।

तिरुवल्लुवर ज्ञान के सभी  विषयों  के ज्ञाता होने से नागरिकता के आवश्यक तत्व्  भी जानते हैं।



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