वल्लुवर ने नागरिकता की विशेषता को यों बताया है----
आप भला चाहते हैं तो    आपको  बुरे काम  करने  में  संकोच चाहिए।
आप के कुल श्रेष्ठ होने के लिए विनम्रता की आवश्यकता है।
"नलम वेंडिंन नानुडमै वेंडुम कुलं वेंडिन वेंडुक यार्क्कुम पनिवु।" (तमिल)
आप के कुल श्रेष्ठ होने के लिए विनम्रता की आवश्यकता है।
"नलम वेंडिंन नानुडमै वेंडुम कुलं वेंडिन वेंडुक यार्क्कुम पनिवु।" (तमिल)
  बड़प्पन  हमेशा विनम्रता  में  है।
जिसमें विनम्रता के गुण नहीं है ,
वे बड़े होने पर भी छोटे ही है।
"पनियुमाम एन्रुम पेरुमै सिरुमै ,अनियुमाम तन्नै वियंदु ".(तमिल)
जिसमें विनम्रता के गुण नहीं है ,
वे बड़े होने पर भी छोटे ही है।
"पनियुमाम एन्रुम पेरुमै सिरुमै ,अनियुमाम तन्नै वियंदु ".(तमिल)
  जिसमें  नम्रता  है ,   उनका  मन  ही  धनियों  में बड़ा  धनी  है।।
 हरी मिटटी  को  बर्तन बनाकर ,आग में तपाकर  घड़ा  बनाने  पर
वह सुन्दर बाजा बनता है। वैसे ही
सामान्य व्यक्ति कई प्रकार की अग्नि परीक्षा के बाद ही नागरिक बनता है।
नागरक बनने के लिए सम्मान को ही प्राथमिकता देना आवश्यक है।(honour/dignity)
                                                                                                                                                                          
वह सुन्दर बाजा बनता है। वैसे ही
सामान्य व्यक्ति कई प्रकार की अग्नि परीक्षा के बाद ही नागरिक बनता है।
नागरक बनने के लिए सम्मान को ही प्राथमिकता देना आवश्यक है।(honour/dignity)
No comments:
Post a Comment