बड़ा आदमी का मतलब है,
धन के कारण,कर्म के कारण ,यश के कारण,गंभीरता के कारण,
श्रेष्ठता के कारण
जो बड़ा दूसरों से कहलाता है,वही बड़ा है।
धन के कारण,कर्म के कारण ,यश के कारण,गंभीरता के कारण,
श्रेष्ठता के कारण
जो बड़ा दूसरों से कहलाता है,वही बड़ा है।
सुनागरिक का पहचान चिन्ह उच्च ज्ञान ,उपाधि नहीं।
अच्छी चाल -चलन, अनुशासन।
वल्लुवर ने सुनागरिक के लक्षण यही कहे है।
बड़े लोग अन्यों की गलतियों को छिपाकर बोलेंगे;
छोटे लोग अन्यों के दोष ही बोलते रहेंगे।
बड़ों के गुण भूल जायेंगे;माफ करेंगे।
छोटों के गुण नहीं भूलेंगे; नहीं माफ करेंगे।
कुरल :
अट्रम मरैक्कुम पेरुमै सिरुमैतान कुटरमे कूरिविडुम।
पेरुमै पेरुमित मिन्मै सिरुमै पेरुमित मूर्न्तु विडल।
अच्छी चाल -चलन, अनुशासन।
वल्लुवर ने सुनागरिक के लक्षण यही कहे है।
बड़े लोग अन्यों की गलतियों को छिपाकर बोलेंगे;
छोटे लोग अन्यों के दोष ही बोलते रहेंगे।
बड़ों के गुण भूल जायेंगे;माफ करेंगे।
छोटों के गुण नहीं भूलेंगे; नहीं माफ करेंगे।
कुरल :
अट्रम मरैक्कुम पेरुमै सिरुमैतान कुटरमे कूरिविडुम।
पेरुमै पेरुमित मिन्मै सिरुमै पेरुमित मूर्न्तु विडल।
बीसवीं शताब्दी में "NOTHING IS PERFECT"अंग्रेजी
बातों की व्याख्या की गयी हैं, उन्हें वल्लुवर ने दूसरी शताब्दी में ही बतायी है।
बातों की व्याख्या की गयी हैं, उन्हें वल्लुवर ने दूसरी शताब्दी में ही बतायी है।
बात जो भी हो,जैसा भी हो,वह बढ़िया भी हो सकती है।
ऊंचा भी हो सकती है।
ऊंचा भी हो सकती है।
ज.यू. पोप ने विद्वत्ता और शिष्ठाता को PERFECTNESS
कहकर 19वीं सदी में व्याख्या की है।
कहकर 19वीं सदी में व्याख्या की है।
तिरुक्कुरल की व्याख्या महाविद्वान सा.दंडपाणी देशीकर
ने परीति ,परिप्पोरुल,कालीनगर,परिमेल अलकर ,कविराजर आदि पांच आलोचकों की बातों को
संकलन करके लिखा है।
ने परीति ,परिप्पोरुल,कालीनगर,परिमेल अलकर ,कविराजर आदि पांच आलोचकों की बातों को
संकलन करके लिखा है।
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